नया बुधौल बस स्टैंड नकार, सदभावना चौक और पार नवादा बना अघोषित बस स्टैंड – नवादा |
जाम से कराह रहा नवादा, पैसेंजर की परेशानी कम होने के बजाय और बढ़ी

सात करोड़ से अधिक की लागत से बने नगर के नए बुधौल बस स्टैंड का काफी तामझाम से उद्घाटन हुआ लेकिन जिला प्रशासन इसे कामयाब बनाने में विफल हो रही है। बसें बुधौल बस स्टैंड जाने के बजाय सद्भावना चौक से ही लौट रही है और यही स्थान अवैध और अघोषित बस स्टैंड बन गया है।
रोक के बावजूद पार नवादा में पुराने बस स्टैंड में दर्जनों ऑटो लगा रहता है। इस तरह सद्भावना चौक और पुल पार का इलाका अघोषित बस स्टैंड बना हुआ है। इतना ही नहीं यहीं पर ऑटो और बसों से चुंगी वसूली भी होती है। यह वसूली वैध है या अवैध है कोई बताने को तैयार नहीं है। कुल मिलाकर हालात यह है कि नया स्टैंड चालू होने के बाद शहर में जाम और पैसेंजर की परेशानी कमने के बजाय बढ़ती जा रही है।
बता दें कि जुलाई माह में नग में लगने वाले जाम से मुक्ति पाने के लिए एक साथ कई प्रयास हुए थे। डीएम के निर्देश पर नया स्टैंड चालू कराया गया, अप्रोच रोड दुरुस्त कराया गया और वनवे सिस्टम लागू किया गया बावजूद शहर को जाम के मकड़जाल से मुक्ति नहीं मिल पाई । औपचारिक रूप से बुधौल बस स्टैंड शुरू हो गया है लेकिन अभी इसका कारगर होना बाकी है। बस स्टैंड अभी भी वीरान है। बस स्टैंड तो चालू हो गया लेकिन यात्रियों और बस संचालकों का माइंडसेट नहीं बदला है। अभी भी चौक चौराहे और सड़क पर से पैसेंजर उठाए जा रहे हैं। पूरा स्टैंड सुना है और बदले में सद्भावना चौक के पास 20 मीटर चौड़ी सड़क पर दर्जनों बसें खड़ी रहती है।
पहले रुकना शुरू हुआ फिर बना अस्थाई अवैध पड़ाव:-
बस स्टैंड के उद्घाटन के दिन से ही बस संचालक इसे मानने को तैयार नहीं थे। पहले कुछ दिनों तक प्रशासन के दबाव में बस स्टैंड से खुलने के बाद बसों को गोंदापुर, सद्भावना चौक पर काफी देर तक रोका जाता था। लेकिन 2 महीने बीतने के बाद तो अब रजौली, बसोडीह, गया ,राजगीर और हिसुआ से आने वाली अधिकतर बसें स्टैंड जाती ही नहीं है। अवैध बस स्टैंड स्टैंड होने से पैसेंजर की परेशानी बढ़ी हुई है। ऐसे में एक तो पार नवादा से सद्भावना चौक आने में लोगों का काफी वक्त जाया हो रहा है और उसके बाद फिर बस में बैठने के बाद भी आधे घंटे का इंतजार करना पड़ता है। इससे पैसेंजर को जहां ई-रिक्शा के जरिए पंद्रह ₹20 अधिक खर्च हो रहे हैं वही 10- 15 मिनट अधिक लग रहे हैं।
सदभावना चौक बना व्यस्त स्टैंड:-
रजौली की ओर जाने वाली बसें या तो बस स्टैंड आकर लौट जाती है और सद्भावना चौक पर लग जाती है या फिर बस स्टैंड आती ही नहीं और सद्भावना चौक पर ही जमी रहती है। ओवर ब्रिज किनारे बसों को रोककर काफी देर तक इंतजार किया जाता है। हिसुआ, राजगीर और गया की ओर जाने वाली बसें भी सद्भावना चौक के आगे गया रोड में 10-15 मिनट के लिए खड़ी रहती है। सद्भावना चौक अस्थाई मिनी स्टैंड बन गया है। इसके चलते सद्भावना चौक के पास यदा-कदा जाम जैसी स्थिति बनी रहती है। यहां बुधौल बस स्टैंड से ज्यादा व्यस्त स्टैंड दिख रहा है। रजौली और गया रोड में हमेशा 4 -6: बसे लगी रहती है।
बता दें कि नगर को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए 7 करोड़ की लागत से निर्मित बुधौल बस स्टैंड को चालू कर दिया गया है ।
ट्रैफिक कंट्रोल के नाम पर खानापूर्ति:-
ट्रैफिक व्यवस्था को कंट्रोल करने के नाम पर सद्भावना चौक और पार नवादा में तैनात इक्के दुक्के पुलिसकर्मी खानापूर्ति करते दिख रहे हैं। ना तो किसी को बस को अवैध पार्किंग करने से रोका जाता है और ना ही स्टैंड जाने के लिए निर्देश दिया जा रहा है। कुछ पुलिसकर्मी इसे रोकने के बजाय बस स्टाफ का सहयोग करते हैं।