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साइबर ठगी के नए तरीके से उड़े पुलिस के होश – नवादा |

नि:संतान महिलाओं को प्रेग्नेंट करने के नाम पर ठगी
-आल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब नाम से ठग बनाते थे लोगों को शिकार

नवादा : जिले में ऑनलाइन ठगी के रोज नए तरीके सामने आ रहे हैं।
पुलिस ने इस बार साइबर ठगी का हैरान करने वाला मामला पकड़ा है। इस मामले में तीन ठग गिरफ्तार किए गए हैं। ये लोग नि:संतान महिलाओं को अपनी तकनीक से गर्भवती करने का झांसा देकर रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर पांच सौ से 20 हजार रुपये तक ऐंठते थे।
इतना ही नहीं गर्भवती होने पर पांच लाख और नहीं होने पर भी 50 हजार का आकर्षक ऑफर देते थे।
बेबी बर्थ सर्विस के नाम पर ठगी:-
साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन प्लेटफार्म पर आल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब (बेबी बर्थ सर्विस) व प्ले ब्वाय सर्विस खोल रखा था। इसके माध्यम से भोले-भाले लोगों से संपर्क कर ठगी करते थे।
मुख्यालय डीएसपी इमरान परवेज ने बताया कि तीनों साइबर ठगों को जिले के नारदीगंज थाना क्षेत्र के कहुआरा गांव से पकड़ा गया है।
पुलिस गिरफ्त में 3 ठग;-
पकड़े गए ठगों की पहचान कहुआरा गांव निवासी प्रिंस राज उर्फ पंकज कुमार, भोला कुमार व राहुल कुमार के रूप में हुई है। पूछताछ में तीनों ने अब तक दर्जनों महिलाओं से ठगी की बात स्वीकार की है।
तलाशी के क्रम में आरोपितों के पास से छह मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। बरामद मोबाइल फोन की गैलरी, वाट्सएप चैट, फोटो, ऑडियो में लेन-देन का ट्रांजेक्शन पाया गया।
गिरफ्तार आरोपित के विरुद्ध सुसंगत धाराओं अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
बता दें कि पुलिस ने इसी तरह के मामले में वर्ष 2023 के दिसंबर में आठ आरोपितों को गुरम्हा गांव से पकड़ा था।
ठगी के 7 महीने बाद भी रुपये नहीं मिले वापस:-
गया के चर्चित चिकित्सक से ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों की पूरे कुंडली साइबर थाने के पास उपलब्ध है। किस खाते से राशि का ट्रांजेक्शन हुआ है, इसकी जानकारी भी है। वैसे दर्जनों खाते चिह्नित भी किए गए हैं।
फिर भी ठगी के शिकार चिकित्सक को सात माह बाद भी चार करोड़ 40 लाख रुपये वापस नहीं मिले हैं। जबकि साइबर थाने की पुलिस ने डिजिटल अनुसंधान में 71 लाख रुपये होल्ड किया था।
न्यायालय में पुलिस पदाधिकारी मो.सहरोज अख्तर ने पांच लाख 90 हजार एक रुपये गुजरात के एचडीएफसी बैंक शाखा शारदाबाग ग्राउंड फ्लोर जय हिंद प्रेस बिल्डिंग अपोजिट शारदाबाग सराफ रोड से वापस लाने का अनुरोध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी से किया है। जबकि शेष राशि कब वापस आएगी। इस पर पुलिस चुप्पी साधे हुए है।
सात माह में साइबर के माध्यम से ठगी करने वाले गिरोह का पता लगाया है, लेकिन उस गिरोह से जुड़े किसी भी सदस्य की गिरफ्तारी नहीं की है। जो यह बताता है कि पुलिस के जांच की स्पीड कितनी है।
जिस खाता में राशि स्थानांतरित किया गया। उसकी भी जानकारी साइबर थाना के पास है, लेकिन उस खाते का संचालन करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तार के लिए न्यायालय में वारंट के लिए प्रार्थना नहीं की गई।
इतना हीं नहीं 71 लाख रुपये होल्ड करने के बाद उसे वापस लाने में साइबर थाना का पसीने छूट रहे हैं। पुलिस पदाधिकारी ने केवल 5.90 लाख रुपये वापस लाने का आवेदन कोर्ट में दिया है।
बता दें शहर के चर्चित चिकित्सक से पिछले आठ माह पहले से चार करोड़ 40 लाख रुपये ठगी हुई थी। उसके बाद साइबर थाना और नेशनल साइबर पोटल पर शिकायत दर्ज कराई गई थी।

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