वकसंडा पैक्स में किसानों के नाम पर फर्जीवाड़ा – नवादा |
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बैंकों से हुई फर्जी राशि की निकासी
-रुपये की बंदरबांट में पदाधिकारी की मिलीभगत
नवादा : जिले के अकबरपुर प्रखंड क्षेत्र के बकसंडा पैक्स में फर्जीवाड़ा का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। फर्जीवाड़ा के खेल में पदाधिकारी का कम योगदान नहीं है। सबकुछ जानकर भी पदाधिकारी संबंधित पैक्स के फर्जी किसानों और अध्यक्ष पर कार्रवाई करने के बजाय बचाने में जुटे हुए ।
पिछले एक सप्ताह से बकसंडा पैक्स अखबारों की सुर्खियों में है वावजूद पदाधिकारी कार्रवाई के बजाय उक्त पैक्स अध्यक्ष को धान अधिप्राप्ति की खुली छूट दे रखे हैं।
उक्त पैक्स में 5 फरवरी को लगभग 420 क्विंटल ,9 फरवरी को 573 क्विंटल धान की अधिप्राप्ति किसानों से किया गया। उक्त धान अधिप्राप्ति में दलालों की भूमिका अहम है। वावजूद पदाधिकारी मौन धारण कर उक्त पैक्स में धान अधिप्राप्ति करवाई जा रही है।
धान अधिप्राप्ति के बाद राशि की हुई निकासी:-
जिन जिन फर्जी किसानों से धान अधिप्राप्ति की गई उनकी कोआपरेटीव बैंक खाते में राशि भेजी गई और उसे बहुत ही आसानी से निकासी कर ली गई। सबसे बड़ा सवाल यह है कि रुपये की निकासी कर सरकार को लाखों का चूना लगाया गया,? इसका जिम्मेवार कौन?
बकसंडा पैक्स में इस समय पदाधिकारियों पर कहावत है:-
‘ दूध की रखवाली बिल्ली को? आखिरकार बकसंडा पैक्स पर पदाधिकारियों की मेहरबानी क्यों?
सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि जितनी भी फर्जी निकासी हुई सभी को आपरेटीव बैंक से किया गया। ऐसे में बैंक की क्रार्यकलाप संदेह के घेरे में हैं।
किसानों ने बकसंडा पैक्स में फर्जी किसानों के नाम पर हुई राशि की निकासी की जांच की मांग डीएम एवं संबंधित मंत्री से की है।