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स्वर्गीय प्रोफेसर सिद्धेश्वर प्रसाद जी की याद में एक शोक व श्रद्धांजलि सभा का आयोजन – नालंदा |

रवि रंजन |

नालंदा जिला कांग्रेस कार्यालय राजेंद्र आश्रम में नालंदा के लाल त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं भारत सरकार में मंत्री रहे शिक्षाविद स्वर्गीय प्रोफेसर सिद्धेश्वर प्रसाद जी की याद में एक शोक व श्रद्धांजलि सभा का आयोजन जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार की अध्यक्षता में किया गया सर्वप्रथम सभी कांग्रेसियों ने उनके तैल चित्र पर माला एवं पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी उसके बाद 2 मिनट का मौन रखकर उनके प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए शोक सभा किया शोक सभा के बाद उनके जीवनी पर विस्तार से चर्चा करते हुए जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने बताया की प्रोफेसर सिद्धेश्वर प्रसाद के चले जाने से नालंदा में ही नहीं बल्कि बिहार में एक गांधी युग का अंत हो गया उन्होंने कहा कि स्वर्गीय सिद्धेश्वर बाबू जीवन पर्यंत गांधी जी के अनुयाई रहे वे आजादी के समय से ही गांधीजी की विचारधारा से प्रभावित होकर सादा जीवन उच्च विचार के मार्ग पर चलते रहे उन्होंने आजीवन यहां तक की जब शरीर भी लाचार हो गया तब भी खादी का गांधी टोपी अपने सर से कभी नहीं हटाए साथ ही गांधी जी के अनुयाई रहे एवं सभी को सत्य और अहिंसा की शिक्षा देते रहे जो भी उनसे एक बार मिला वह उनका हो गया वह एक महान शिक्षाविद् भी थे उनकी शिक्षा की चर्चा सिर्फ इस जिले में इस राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में होती रही है संयोग से नालंदा वासियों को उनके शिक्षा और ज्ञान से रूबरू का होने का भी सौभाग्य प्राप्त इसलिए हुआ कि वह मगध यूनिवर्सिटी के सबसे पुराने कॉलेज नालंदा कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर भी कार्यरत रहे जबसे उन्होंने राजनीति में कदम रखा उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा पहले राज्य सरकार में मंत्री भी रहे उसके बाद केंद्र सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रहे उसके बाद उनकी विद्वता को देखते हुए उन्हें राज्यपाल पद से भी सुशोभित किया गया वह त्रिपुरा के राज्यपाल बनाए गए प्रोफेसर सिद्धेश्वर प्रसाद किसी जाति या व्यक्ति विशेष के नेता नहीं बल्कि वह सभी समाज के नेता थे जो भी उनके दरवाजे पर गया सभी के लिए कुछ ना कुछ उन्होंने किया वर्तमान परिवेश में उनके निधन के बाद नालंदा ही नहीं इस बिहार प्रदेश ने एक ऐसे नेता को खो दिया जिसकी भरपाई निकट भविष्य में कहीं संभव नहीं दिखता है ऐसा इसलिए कि अभी के जो राजनेता हैं उनका सीधा किसी न किसी समाज से किसी न किसी धर्म से किसी न किसी पार्टी से वह संबंधित हैं और उन्हीं लोगों के लिए वह काम करते हैं प्रोफेसर सिद्धेश्वर प्रसाद जी ने अपने मंत्रित्व काल में सिर्फ अपने जिला नहीं राज्य नहीं बल्कि पूरे देश को उन्होंने एक नजर से देखा और उन्हीं के शासनकाल में बिहार में संपूर्ण विद्युतीकरण देखने को मिला था नालंदा में चाहे किसी भी दल के लोग हों किसी भी समाज के लोग हों सब से वह अपने एक परिवार की तरह मिलते थे उनके जीवनी पर चर्चा करते हुए राजगीर के पूर्व विधायक रवि ज्योति कुमार एवं जिला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैदर आलम उपाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि ऐसे नेता का हम लोगों के बीच से असमय चला जाना बहुत बड़ी क्षति है और इस क्षति को हम लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं तीनों नेताओं ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही हम लोगों को अपने नेता सिद्धेश्वर बाबू से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था हमारे नेता ने सभी को एक साथ जाति धर्म और पार्टी से उठकर देश की एकता एवं अखंडता को बचाने के लिए साथ ही देश को विकसित करने के लिए कार्य करने पर बल दिया था आज उनके निधन से हम सभी काफी मर्माहत है अंत में समस्त कांग्रेस जनों ने उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया एवं कहा कि उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि तभी मिलेगी जब हम लोग उनके बताए रास्ते पर चलना शुरू कर देंगे इस शोक सभा में राजगीर के पूर्व विधायक रवि ज्योति कुमार मोहम्मद हैदर आलम जितेंद्र प्रसाद सिंह मोहम्मद जेड इस्लाम अजीत कुमार उदय शंकर कुशवाहा फरहत जबी अधिवक्ता सरफराज मलिक रणधीर रंजन मंटू फवाद अंसारी युवा अध्यक्ष विवेकानंद पासवान इंजीनियर टीपू अमन राज सेवादल अध्यक्ष बच्चू प्रसाद अधिवक्ता संजय कुमार शाह मोहम्मद राजा मोहम्मद मुस्ताक राजेश्वर प्रसाद शिवनाथ चौधरी मोहम्मद बेताब अली के अलावे दर्जनों की संख्या में कांग्रेसी एवं शिक्षाविद मौजूद थे

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