फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर बैठक आयोजित किया गया – पूर्णिया ।

धमदाहा प्रखंड मुख्यालय स्थित ई कृषि भवन में प्रखंड प्रमुख केंन्दुला देवी व कृषि पदाधिकारी रामजीवन प्रसाद सिंह के अध्यक्षता में सभी जनप्रतिनिधि पंचायत समिति सदस्य मुखिया किसानों के साथ बैठक आयोजित किया गया। बैठक में मुख्य रूप से फसल अवशेष पराली जलाने से संबंधित खेतों में होने वाले नुकसान को लेकर विशेष चर्चा किया गया।
प्रखंड कृषि पदाधिकारी रामजीवन सिंह ने बताया कि फसल अवशेष प्रराली को जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति प्रभावित होता है (1) मिट्टी में पाए जाने वाले लाभकारी सुक्ष्म जीवाणु मर जाते हैं। मिट्टी में कार्बन पदार्थ की क्षति होता है फसल अवशेष जलाने से ग्रीन हाउस प्रभाव पैदा करने वाली अन्य हानिकारक गैसों मैथन कार्बन मोनोऑक्साइड नाइट्रोजन ऑक्साइड और नाइट्रोजन का उत्सर्जन होता है इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है ।तथा इसका प्रभाव मानव पशुओं पक्षियों के अलावा मिट्टी के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है, फसल अवशेष के जलाने से ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को बल मिलता है। फसल अवशेष को जलाने से पशुओं के चारे की कमी का सामना करना पड़ता है। मृदा में उपलब्ध मुख्य पोषक तत्व नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश की उपलब्धता में कमी आती है। वायुमंडल प्रदूषित होता है इससे आंखें में जलन सांस लेने में तकलीफ नाक में तकलीफ तथा गले की समस्या उत्पन्न होती है 1 टन पराली जलाने से 3 किलोग्राम पार्टिकुलेट मैटर यानी 14 से 60 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड 60 किलोग्राम कार्बन मोनोऑक्साइड 199 किलोग्राम 2 किलोग्राम सल्फर डाइऑक्साइड पैदा होता है इस दौरान प्रखंड क्षेत्र के प्रखंड प्रमुख तंदूला देवी दिवाकर रंजन बिट्टू कुमार एवं कृषि समन्वयक अमरदीप कुमार सुभाष कुमार कृषि सलाहकार विजय गुप्ता शिव शंकर कुमार भारती भुवन कुमार मनोज सिंह रितेश कुमार वीरेंद्र प्रसाद सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे