
रवीन्द्र नाथ भैया |
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के विकास अधिकारी तथा नारदीगंज प्रखंड की पेश पंचायत की पूर्व मुखिया के पति अजीत कुमार उर्फ गुड्डू से रंगदारी व मारपीट के मामले में फरार चल रहे नारदीगंज थाना के पूर्व थानाध्यक्ष रामकृपाल यादव समेत तीन पुलिस पदाधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गयी।
पटना हाईकोर्ट ने 20 सितम्बर 2022 को मामले की सुनवाई के बाद अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए इनकी याचिकाएं खारिज कर दी। इससे पूर्व रामकृपाल यादव, दारोगा मदन कुमार सिंह व जमादार बड़ेलाल यादव की ओर से कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की गयी थी। बता दें कि तीनों पुलिस पदाधिकारी गिरफ्तारी के डर से फिलहाल फरार बताये जाते हैं।
मामले की जांच कर रही सीआईडी द्वारा तीनों के विरुद्ध कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की जा चुकी है। मामला नारदीगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा है। रामकृपाल यादव उस वक्त नारदीगंज के प्रभारी थानाध्यक्ष थे। जबकि अन्य पुलिस पदाधिकारी उस वक्त नारदीगंज थाना में पदस्थापित थे। मामला एलआईसी के विकास अधिकारी (डीओ) अजीत कुमार के साथ रंगदारी व मारपीट से जुड़ा है।
इस मामले में 13 अप्रैल 2021 को नारदीगंज थाने में हाईकोर्ट के आदेश पर कांड संख्या 67/21 दर्ज है। मामले में रामकृपाल यादव, दारोगा मदन कुमार सिंह, जमादार बड़ेलाल यादव व मुंशी वाल्मीकि सिंह आरोपित हैं।
वर्तमान में चारों निलंबित हैं। इनमें से एक मुंशी बाल्मीकि यादव को सीआईडी गिरफ्तार कर चुकी है।
03 सितम्बर 2020 की है घटना:-
घटना के दिन विकास अधिकारी अजीत की मां नारदीगंज के धनियावां पहाड़ी से पूजा कर अपनी नई मैजिक गाड़ी नंबर बीआर 02 पीबी 4426 से घर वापस लौट रही थीं। इसी दौरान रास्ते में उनकी गाड़ी फिसल कर सड़क के किनारे चली गयी। ट्रैक्टर की सहायता से गाड़ी निकालकर वे लोग घर आ रहे थे। इसी बीच बाइक से मौके पर पहुंचे दारोगा रामकृपाल यादव व अजीत के साथ झड़प हुई।
मामले में नारदीगंज थाना में अजीत के विरुद्ध 03 सितम्बर 2020 को कांड संख्या 175/20 दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने 11 सितम्बर 2020 को अजीत के घर पर चढ़कर उसे गिरफ्तार किया व उसके साथ बर्बरता से मारपीट की।
पटना हाईकोर्ट में पहुंचा मामला:-
मामले में विकास अधिकारी के पिता रामनंदन सिंह उर्फ रामबालक सिंह द्वारा हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की गयी।
23 जून 2021 को दर्ज विविध वाद संख्या 850/21 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद 13 अप्रैल 2021 को नारदीगंज थाने में कांड संख्या 67/21 दर्ज किया गया।
आरोप है कि 03 सितम्बर 2020 को दारोगा रामकृपाल ने उसे जबरन गाड़ी लेकर थाना चलने अन्यथा 10 हजार रुपये देने की मांग की। साथ ही 11 अगस्त 2020 को उसे गिरफ्तार करने के बाद सभी पुलिसकर्मियों ने अजीत के साथ बुरी तरह से मारपीट की व रुपये आदि छीन लिये।
हाईकोर्ट के आदेश पर कांड संख्या 175/20 व 67/21 की जांच सीआईडी को सौंप दी गयी। जख्म प्रतिवेदन व पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर जांचोपरांत मामला सही पाये जाने पर सभी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गयी।