बारिश होते ही झील में तब्दील हो जाती है हिसुआ की सड़कें, गड्ढा नुमा सड़क अपनी मरम्मती का कर रहा इंतजार – नवादा |

रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले के हिसुआ शहर के सड़कों का हाल बदतर है। शासन प्रशासन को इसकी सुध नहीं है।
हिसुआ नगर में अगर सड़क की बात करें तो यह 90 की दशक की याद ताजा कर जाती है। सड़क दिखता कहाँ है साहब, यहाँ तो केवल गढ्ढे हीं गढ्ढे दिखाई पङते हैं। अगर बारिश हो गई तो सड़क झील बन जाता है।
आमलोगों का तो हाल बदहाल है। इन कमियों की शिकायत लेकर जाए तो कहाँ जाए, कौन सुनेगा इनकी फरियाद, कौन दिलाएगा इनको इन समस्याओं से निजात?
हिसुआ विश्वशान्ति चौक के राजगीर रोड में तो सङक ही गायब हो चुका है, केवल गड्ढे ही गड्ढे हैं। जिसके कारण आमलोगों को नित्य-रोज दुर्घटना का शिकार होना पङता है। यहाँ कोई भी दिन ऐसा नहीं गुजरता है, जिस दिन दो-चार मोटरसाइकिल सवार या पैसेंजर से लदा ई रिक्शा नहीं पलटता हो। इस रोड से गुजरना मतलब खतरे को आमंत्रित करना है। इस रोड में चौक से लेकर महालक्ष्मी टाकीज तक बस पङाव से लेकर छोटे-छोटे वाहनों का सङक किनारे कब्जा है।
रही सही कसर फुटपाथ पर अवैध कब्जा पूरा कर देती है।
एक ओर सड़क पर गड्ढा तो दूसरी ओर सड़क किनारे अतिक्रमण। ऐसे में बुद्ध सर्किट का यह पथ हमेशा जाम का शिकार रहता है। इसके लिए अधिकारी भी जिम्मेवार हैं जिनका ध्यान इस ओर नहीं जा पा रहा है।
बता दें की हिसुआ बाजार का यह सड़क राजगीर से बोध गया तक जाती है। इस रास्ते से नित्य-रोज सैकङों की संख्या में देशी विदेशी पर्यटकों का वाहनों से आना-जाना लगा रहता है। उन्हें भी यहाँ इन मुसीबतों का सामना करना पङता है।चौक से थाने की दूरी मात्र 200 मीटर के आसपास है। बावजूद हिसुआ का हाल बिल्कुल बदहाल है।
इन्तजार है उस मसीहा की, जो इस मुसीबत से छुटकारा दिला सके।