आइएएस बने आयुष वेंकट वत्स गांव के बच्चों का करेंगे मार्गदर्शन, बनवायेंगे लाइब्रेरी – नवादा |

रवीन्द्र नाथ भैया |
यूपीएएसी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में 74वां रैंक प्राप्त कर आईएएस बने आयुष वेंकट वत्स इन दिनों अपने गृह जिला बिहार के नवादा स्थित बेलर गांव में हैं। मंगलवार 7 मई को वे पिता तरूण कुमार व चाचा अरूण कुमार के साथ नवादा निजी कार्यवश पहुंचे थे। इस संवाददाता के साथ आयुश ने लंबी बात की।
बच्चों के यूपीएससी क्रैक करने के तरीके से लेकर आने वाले दिनों में एक आईएएस अफसर के रूप में प्राथमिकताओं को गिनाया। व्यक्तिगत जीवन में अपने गांव-शहर के होनहार बच्चों के लिए क्या कुछ करना चाहते हैं इसके बारे में अपने विचार को साझा किया।
महज 23 साल की उम्र में पहले प्रयास में देश की सबसे कठिन व प्रतिष्ठित परीक्षा को क्लीयर करने वाले आयुष कहते हैं कि आज के दौर में इंटरनेट एक ऐसा माध्यम हो गया है जहां से आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे कम खर्च में हर स्तर की प्रतियोगी परीक्षा के लिए काफी कुछ मैटेरियल प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सेल्फ स्टडी से भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। कोचिंग की बहुत जरूरत नहीं होती है।
दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल में बीटेक आयुष कहते हैं कि एक अफसर के रूप में गांवों की तरक्की उनका लक्ष्य है। निजी तौर पर अपने गांव-जिला के लिए भी कुछ करना चाहते हैं। गांव के बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए बेहतर लाइब्रेरी बनते देखना चाहते हैं। इस कार्य में वे खुद की कमाई का एक अंश डाेनेट करने का मन बना रखे हैं।
बता दें कि आयुष 6 मई को गांव पहुंचे थे। गांव में खूब स्वागत हुआ। इलाके के लोग शुभकामना देने पहुंचे। पूर्व मंत्री व एमएलसी नीरज कुमार भी पहुंचे थे। संध्याकाल में गांव में भगवान सत्यानारयण की पूजा-आरती व कथा हुआ। आयुष की सफलता से घर-परिवार के साथ ही गांव-इलाके के लोग काफी खुश हैं।
गांव पहुंचने के रास्ते में हुआ भव्य स्वागत:-
आयुष के गांव आने पर भव्य स्वागत हुअ ही रास्ते में काशीचक बाजार एवं चंडीनावां गांव में सैकड़ों लोगों ने ढोल बाजे के साथ पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया।
विधान पार्षद नीरज कुमार गांव पहुंचकर अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।
मौके पर एमएलसी ने कहा कि आपकी सफलता गांव व क्षेत्र के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है। आपने गांव ही नहीं जिला और राज्य का नाम रोशन किया है।
समाजसेवी अभय कुमार, शत्रुघ्न शर्मा, बीडीओ रवि जी, मुखिया आषा कुमारी, समाजसेवी जितेन्द्र कुमार, राजीव रंजन गुल्लू, पंचायत समिति सदस्य अरुण सिंह ने भी अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।
मौके पर आयुष ने कहा कि मैं अपने दादा के सपनों को साकार किया हूं। हमेशा दादा देवकीनंदन प्रसाद सिंह कहते थे कि तुम मेरे सपने को साकार करोगे। लेकिन दुर्भाग्यवश उनके निधन के 6 माह बाद यह सफलता प्राप्त हुई। वे रहते तो खुशी दोगुनी होती। मेरे सफलता के पिछे दादा के साथ मां पिता व चाचा पूर्व उप प्रमुख अरुण सिंह का अहम योगदान रहा।