
रवीन्द्र नाथ भैया ।
जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड क्षेत्र में विकास की गति को तेज करने के निर्देश के बाद अधिकारियों की टीम प्रत्येक बुधवार और गुरुवार को क्षेत्र भ्रमण कर चल रहे सरकारी योजनाओं की जांच कर रहे हैं।इसी क्रम में बुधवार को बीडीओ अनिल मिस्त्री ने हरदिया पंचायत के विभिन्न वार्डों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभ प्राप्त पात्र लाभुकों से मिलकर आवास योजना के तहत मिली आवास को जल्द से जल्द निर्माण करने का निर्देश दिया है।उन्होंने बताया कि आवास योजना के पात्र लाभुकों की पहली किस्त 45 हजार रुपये की राशि खाते में गई है।विकास योजना का जांच क्षेत्र में घूम-घूम कर किया जा रहा है।
इसी क्रम में हरदिया के लाभुकों से मिलकर उनकी समस्याओं से अवगत हुए।उन्होंने बताया कि क्षेत्र के लाभुकों का कहना है कि प्रखंड में आवास निर्माण को लेकर सामग्री की कीमतों में काफी उछाल आया है और सरकार के द्वारा मिल रही प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि काफी कम है।करीब डेढ़ लाख रुपये तीन किस्तों में दिया जाता है।जिसके कारण मकान निर्माण में लाभुक असमर्थता जाहिर कर रहे हैं।
लोगों के द्वारा बताया जा रहा है कि ईंट की किमतों में एकाएक उछाल आ गई है।जो ईंट पांच से छह हजार रुपये प्रति हजार के दर पर मिलती थी।
वही साढ़े नौ से दस हजार रुपये प्रति हजार अब ईंट भट्ठेदारों के द्वारा बेची जा रही है।जिसके कारण आवास बनाने में काफी परेशानी हो रही है।साथ ही साथ बालू घाट बंद होने के कारण भी बालू का उठाव बंद है, और माफियाओं की चांदी कट रही है। वे मनमाना राशि वसूल कर चोरी से बालू गिरा रहे हैं। जिससे प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण में परेशानी का सबब बना हुआ है।
लाभार्थियों के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को तीन किस्तों में एक लाख पैंतालीस हजार रूपये देने का प्रावधान है।लेकिन अचानक ईंट भट्ठा संचालकों के द्वारा महीने दर महीने हजार रूपये प्रति हजार बढ़ोत्तरी करते हुए।साढ़े दस हजार रुपये प्रति हजार ईंट का दाम कर दिया गया। इतना ही नहीं बालू की भी मंहगाई कमर तोड़ने में लगी हुई है।
पांच हजार रुपए प्रति ट्रैक्टर गया जिले से लाकर रजौली में बेचा जा रहा है।लगातार बढ़ती मंहगाई के के कारण गरीबों के प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रहण लगता दिखाई पड़ रहा है।आवास के एक कमरे के निर्माण में लगभग दस हजार ईंट व तीन ट्रैक्टर बालू,तीन ट्रैक्टर गिट्टी के साथ दो क्विंटल छड़ एवं दर्जनों बोरे सीमेंट लगाया जाता है।अचानक आवास निर्माण की सामग्री की कीमतों में बढ़ोतरी लाभुकों की कमर तोड़ कर रख दिया है। ऊपर से बैंकों में राशि आती नहीं है की आवास सहायक के साथ-साथ दलाल अपने हिस्से की राशि वसूलने में लग जाते हैं। जिसके कारण पात्र लाभुक घर नहीं बना पाते और जांच के घेरे में आ जाते हैं।जिन पर कभी कभार प्राथमिकी भी होती रहती है।