सदर अस्पताल में होने लगी मोतियाबिंद ऑपरेशन के साथ सिजेरियन डिलीवरी – नवादा |
एक माह में 304 मोतियाबिंद ऑपरेशन के साथ 83 सिजेरियन डिलीवरी हुई

रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले का सदर अस्पताल न केवल सुन्दर बनाया गया है बल्कि चिकित्सा सेवा में सुधार आनी शुरू हो गयी है। सुधार का लाभ गरीब परिवारों को मिलने लगा है। ऑपरेशन से प्रसव होने की स्थिति में गरीब परिवार के लिए खर्च उठाना मुश्किल हो जाता था लेकिन अब सदर अस्पताल ने पिछल महीने से गरीबों की यह परेशानी दूर कर दी है।
नॉर्मल डिलीवरी के अलावा हर दिन किसी न किसी प्रसूता का ऑपरेशन कर प्रसव कराया जा रहा है। सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने एक महीने में 83 सिजेरियन ऑपरेशन का रिकॉर्ड बनाया है।
सिजेरियन डिलीवरी पहले भी हो रही थी लेकिन सरकार के मिशन 60 डेज के बाद मिशन क्वालिटी अभियान शुरू होने के बाद इसमें तेजी आई है और जरूरतमंदों को ट्रैक कर ऑपरेशन किया जा रहा है।
नेत्र दोष दूर करने के लिए भी मिशन क्वालिटी के तहत जिले में बड़ा अभियान चल रहा है। इस महीने 22 नेत्र मरीजों का मोतियाबिंद ऑपरेशन हो चुका है।
सदर अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार अब तक 304 मरीजों का मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया है।
सिविल सर्जन बताते हैं कि मिशन 60 डे के बाद अब मिशन क्वालिटी शुरू है। इसके तहत सदर अस्पताल सहित विभिन्न सरकारी अस्पतालों की चिकित्सकीय गुणवत्ता में सुधार अगामी 31 मार्च तक किया जाएगा। अस्पताल प्रशासन को मिशन-60 के बाद अब मिशन क्वालिटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अस्पताल आए मरीजों को सारी चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने पर जोर है।
घर-घर जाकर मोतियाबिंद मरीज खोजेगी आशा वर्कर:-
मिशन अंतर्गत जिले के आमजन को विभिन्न तरह के स्वास्थ्य गतिविधियों में उत्प्रेरित करने वाली आशा कार्यकर्ताएं अब बुजुर्गों की रोशनी भी बनेंगी। पहली बार उन्हें राष्ट्रीय अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम में शामिल किया गया है। वे अपने पोषक क्षेत्र में ऐसे बुजुर्गों की पहचान करेंगी, जिन्हें दृष्टि दोष है या आंख से संबंधित कोई अन्य परेशानी है। जिन्हें चश्मा या फिर मोतियाबिंद ऑपरेशन से ठीक किया जा सकता है, ऐसे मोतियाबिंद के मरीजों को भी प्रोत्साहित कर वे उनके ऑपरेशन तक सहयोग करेंगी।
राष्ट्रीय अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम के तहत नेत्र रोगियों को खोज कर उन्हें अस्पताल तक पहुंचाने और जरूरत के अनुसार इलाज तथा ऑपरेशन करवाना है। इसकी जिम्मेवारी आशा कार्यकर्ताओं को दी गई है। आशा कार्यकर्ता नेत्र रोग और अंधापन से जुड़े मरीजों की पहचान करेगी तथा उन्हें अस्पताल पहुंचाएगी। मोतियाबिंद से पीड़ित बुजुर्गों से परेशानी पूछेंगी इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल या निकटतम स्वास्थ्य संस्थानों में ले जाने में सहयोग करेंगी, जहां नेत्र परीक्षण की जाती हो।
ऑपरेशन, दवाई और चश्मा की व्यवस्था:-
मोतियाबिंद व अन्य आंख की बीमारियों से ग्रसित रोगियों को जिला से बाहर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। आंखों के बीमारियों का इलाज और ऑपरेशन सदर अस्पताल में ही उपलब्ध है। इसके लिए सदर अस्पताल में ऑपरेशन व ओपीडी सेवा के लिए आंख चिकित्सक डॉ. एसडी अरयर सहित अन्य चिकित्सकों को डेडिकेटेड रूप से जिम्मा सौंपा गया है।
सदर अस्पताल में इस माह 22 मोतियाबिंद मरीजों को ऑपरेशन कर चश्मा उपलब्ध कराया जा चुका है।
हर सेवा में गुणवत्ता की प्राथमिकता:-
सिविल सर्जन ने बताया कि मिशन 60 डे के बाद अब मिशन क्वालिटी पर काम हो रहा है। सरकार के निर्देशानुसार हर सेवा में गुणवत्ता को प्राथमिकता पर रखते हुए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सदर अस्पताल के साथ ही प्रखंड स्तरीय अस्पतालों में भी सेवा की गुणवत्ता सुधरी है। पिछले महीने की अपेक्षा इस महीने संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन, बंध्याकरण तथा सिजेरियन डिलीवरी के मामले में वृद्धि हुई है।
मोतियाबिंद ऑपरेशन की संख्या भी बढ़ी है। आशा कार्यकर्ता मोतियाबिंद से पीड़ित मरीजों को प्रेरित कर स्वास्थ्य संस्थानों तक लाएंगी।