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समाचारपत्रों की समस्याओं के समाधान पर केंद्र गंभीर – नई दिल्ली |

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने समाचारपत्रों के हित में दिया निर्देश - नई दिल्ली |

रवि रंजन |

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेल तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश भर के समाचार पत्रों की मौजूदा समस्याओं के समाधान की दिशा में अपेक्षित कदम उठाने का निर्देश भारत के समाचार पत्रों के महापंजीयक और केंद्रीय संचार ब्यूरो के महानिदेशक को दिया है। श्री वैष्णव ने मंगलवार को यह निर्देश उनसे मिलने गये अखिल भारतीय समाचार पत्र प्रकाशक – संपादक संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से समाचार पत्रों के समक्ष उत्पन्न मौजूदा समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराए जाने के बाद दिया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संघ के संयोजक एवं वरिष्ठ संपादक कमल किशोर ने किया। प्रतिनिधिमंडल में अशोक कुमार, श्रीराम अम्बष्ट, वेद प्रकाश, हिमांशु शेखर, मधुकर सिंह, नित्यानंद शुक्ला, देवन राय, दिग्विजय सिंह, संजय पोद्दार, साकेत कुमार, काैस्तुभ किशोर, मो कबीर, शमी अहमद, फैज अकरम, खुर्शीद अहमद प्रमुख रूप से मौजूद रहे। बता दें कि अखिल भारतीय समाचारपत्र प्रकाशक-संपादक संघ की केंद्रीय समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित रेल भवन में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा केंद्रीय रेल मंत्री से मुलाकात की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य देशभर के समाचारपत्रों के समक्ष उत्पन्न समस्याओं को सरकार के समक्ष रखना और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की मांग करना था।

 

मंत्री ने समस्याओं को गंभीरता से लिया

इस क्रम में मंगलवार को संघ का शिष्टमंडल रेल भवन पहुंचा और केंद्रीय मंत्री से मुलाकात कर अपनी समस्याओं को विस्तार से रखा। मंत्री ने सभी बिंदुओं को गंभीरता से सुना और समाचारपत्रों को आ रही परेशानियों को समझते हुए तत्काल राहत देने का आश्वासन दिया। उन्होंने पीआरजीआई एक्ट 2023 के जटिल प्रावधानों पर तत्काल रोक लगाने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता को बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है। लघु एवं मध्यम समाचारपत्रों की भूमिका लोकतंत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें इस बात की जानकारी मिली है कि पीआरजीआई एक्ट 2023 के कुछ प्रावधानों से समाचारपत्रों के संचालन में कठिनाइयाँ उत्पन्न हुई हैं। सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है, और जल्द ही आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि देशभर के समाचारपत्र निर्बाध रूप से कार्य कर सकें और उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो। मंत्री ने यह भी आश्वस्त किया कि समाचारपत्रों के संचालन में सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी और उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।

प्रेस महापंजीयक और सीबीसी महानिदेशक से भी हुई वार्ता

मंत्री से मुलाकात के बाद शिष्टमंडल ने सूचना भवन में भारत के प्रेस महापंजीयक भूपेंद्र कैंथोला एवं सीबीसी (केंद्रीय संचार ब्यूरो) के महानिदेशक वाई के बवेजा से भी मुलाकात की। इस दौरान विभिन्न समाचारपत्रों के प्रकाशकों ने अपनी समस्याओं को विस्तार से उनके समक्ष रखा। करीब डेढ़ घंटे तक चली इस महत्वपूर्ण वार्ता में प्रेस महापंजीयक ने भी प्रकाशकों को आश्वासन दिया कि पीआरजीआई एक्ट में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे तथा समाचारपत्रों की प्रसार जांच की अवधि को भी बढ़ाया जाएगा।

समाचारपत्रों के लिए राहत की उम्मीद

सीबीसी के महानिदेशक ने भी प्रकाशकों को यह भरोसा दिलाया कि सीबीसी द्वारा जारी रेट कार्ड की अवधि को विस्तार देने पर विचार किया जाएगा ताकि समाचारपत्रों को वित्तीय संकट से उबरने में मदद मिल सके। बैठक के दौरान शिष्टमंडल ने सभी संबंधित अधिकारियों और मंत्रियों को अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपा।

समाचारपत्रों के अस्तित्व पर संकट और संघ की पहल

पीआरजीआई एक्ट 2023 के लागू होने के बाद से कई लघु एवं मध्यम समाचारपत्रों के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया था। इस कानून के जटिल प्रावधानों ने छोटे समाचारपत्रों के संचालन में कई कठिनाइयाँ उत्पन्न कर दी थीं। इन्हीं समस्याओं को हल करने के लिए अखिल भारतीय समाचारपत्र प्रकाशक / संपादक संघ का गठन हुआ था। संघ की पहली बैठक रांची में हुई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि देश के विभिन्न राज्यों से प्रकाशित समाचारपत्रों के प्रतिनिधि केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर अपनी समस्याएँ रखेंगे।

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