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मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना के तहत चौर क्षेत्र का बड़े पैमाने पर करायें विकास : जिलाधिकारी – पश्चिम चंपारण |

अविकसित एवं अव्यवहृत निजी चौर भूमि विकसित होने से मत्स्य उत्पादकता एवं किसानों की आमदनी में होगी वृद्धि

बेतिया। जिलाधिकारी, कुंदन कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना के तहत जिले में स्थित चौर क्षेत्रों का विकास बड़े पैमाने पर कराया जाना है। इस योजना का उदेश्य अविकसित एवं अव्यवहृत निजी चौर भूमि को विकसित कर मत्स्य पालन योग्य बनाना है। इससे मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता में अभिवृद्धि के साथ-साथ किसानों की आमदनी में भी वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना से अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी सृजित हो सकेंगे तथा जिला मत्स्य उत्पादन में आत्म निर्भर हो सकेगा। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित किया जाय तथा अविकसित एवं अव्यवहृत निजी चौर भूमि को विकसित किया जाय। जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निदेशित कर रहे थे।

जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले में तीन मॉडलों के अनुरूप निजी चौर को विकसित किया जाना है।

(1) मॉडल नंबर 1-एक हेक्टेयर रकबा में दो तालाब का निर्माण, इस मॉडल अंतर्गत एक हेक्टेयर रकबा में दो तालाब का निर्माण किया जायेगा। जिसमें 0.59 हेक्टयर जलक्षेत्र विकसित होगा। मिट्टी की कटाई 1.1 मी0 कर बांध की ऊचांई 2.5 मी0 होगी तथा दोनों तालाबों के बीच का बांध की ऊचांई 02 मी0 होगी अर्थात 15 मी0×10 मी0 का रेज्ड प्लेटफॉर्म कृषि सहित बहुउपयोगी कार्यों के लिए किया जा सकेगा। इसके निर्माण पर इकाई लागत 6.52 लाख प्रति हेक्टेयर एवं इनपुट मद में 0.59 हेक्टेयर जलक्षेत्र के लिए 2.36 लाख इनपुट अनुदान प्राक्किलित है।

(2) मॉडल नंबर 2-एक हेक्टेयर रकबा में चार तालाब का निर्माण, इस मॉडल अंतर्गत एक हेक्टेयर रकबा में चार तालाब का निर्माण किया जायेगा। जिसमें 0.57 हेक्टेयर जलक्षेत्र विकसित होगा। मिट्टी की कटाई 1 मी0 कर बांध की ऊचांई 2 मी0 होगी तथा दोनों चारों तालाबों के बीच का बांध की ऊचांई 2 मी0 होगी अर्थात 10 मी0× 10 मी0 का रेज्ड प्लेटफॉर्म कृषि सहित बहुउपयोगी कार्यों के लिए किया जा सकेगा। इसके निर्माण पर इकाई लागत 5.04 लाख प्रति हेक्टेयर एवं इनपुट मद में 0.57 हेक्टेयर जलक्षेत्र के लिए 2.28 लाख इनपुट अनुदान प्राक्किलित है।

(3) मॉडल नंबर 3-एक हेक्टेयर रकबा में एक तालाब का निर्माण, इस मॉडल अंतर्गत एक हेक्टेयर रकबा में एक तालाब का निर्माण किया जायेगा। जिसमें 0.40 हेक्टेयर जलक्षेत्र विकसित होगा। इसके निर्माण पर इकाई लागत 8.09 लाख प्रति हेक्टेयर एवं इनपुट मद 0.40 हेक्टेयर जलक्षेत्र के लिए 1.60 लाख इनपुट अनुदान प्राक्किलित है।
उन्होंने बताया कि विभागीय निदेश के आलोक में जिले के योगापट्टी प्रखंड अंतर्गत सिसवा बैरागी चौर, मझौलिया प्रखंड अंतर्गत सतकोला चौर, बगहा-01 प्रखंड अंतर्गत झनकौल चौर, तरकुलवा जैनी टोला चौर, करजनिया परसौनी चौर, बेतिया प्रखंड अंतर्गत चटिया और चनपटिया प्रखंड अंतर्गत लगुनाहा चौर चिन्हित किया गया है, जिसमें कलस्टर का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि एक कलस्टर में 10 हेक्टेयर भूमि रखी गयी है, परंतु अब प्रखंड अंतर्गत 04 हेक्टेयर रकबा का भी बन सकेगा।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना से लाभान्वित होने के लिए इच्छुक किसान fisheries.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय इच्छुक किसानों के पास अद्यतन भू-स्वामित्व प्रमाण, अद्यतन लगान रसीद, भूमि का नक्शा, आधार कार्ड/फोटोयुक्त पहचान पत्र, बैंक पासबुक/कैंसिल चेक, पासपोर्ट साईज फोटो, जमीन के साथ आवेदन का फोटो, शपथ पत्र, सहमति पत्र रहना आवश्यक है।

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार, अपर समाहर्ता, राजीव कुमार सिंह, जिला मत्स्य पदाधिकारी, गणेश राम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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