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क्रिसमस की रहीं धूम,मनाया गया ‘ज़ीज़स’ का जन्म दिन – मधुबनी |

मधुबनी मे क्रिसमस का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया!क्रिसमस ईसाई धर्म का प्रमुख पर्व है. इस दिन को ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता हैं!ईसा मसीह के जन्म की कथा पौराणिक कथा के अनुसार प्रभु यीशु का जन्म करीब 4-6 ई.पू में हुआ था. प्रभू यीशू की माता का नाम मरियम और पिता का नाम यूसुफ था. यूसुभ बढ़ई का काम करते थे. ऐसा कहा जाता है कि मरीयम को एक सपना आया था जिसमें उन्हें प्रभु के पुत्र यीशु को जन्म देने की भविष्यवाणी की गई थी!जीसस क्राइस्ट जिन्हें ईसा मसीह के नाम से भी जाना जाता है, के जन्म की खुशी में क्रिसमस डे मनाया जाता है. क्राइस्ट से ही क्रिसमस बना है. हर साल 25 दिसंबर के दिन जीसस क्राइस्ट यानी ईसा मसीह का जन्मदिन मनाया जाता है!यीशु मसीह का कहना था कि ईश्वर की सभी संतान समान है इसलिए सभी का आदर करो, सभी से प्रेम करो, अपने परिवार से, पड़ोसी से, यहां तक कि अपने शत्रुओं से भी प्रेम करो! यीशु के अनुसार विनम्र और दयावान लोगों का मन शुद्ध होता है. वह अपने शुद्ध मन से, पवित्रता से दूसरों की सेवा करते हैं. उनके मन में दया का भाव ही उन्हें दूसरों से अलग करता है!जो लोग शुद्ध मन से लोगों का भला करते हैं, परमेश्वर भी उन्हीं के मन में वास करते हैं. हमें दूसरों के भले के लिए कार्य करते रहना चाहिए. सद्मार्ग पर चलना चाहिए. यीशु मसीह के अनुसार दूसरों का भला चाहने वाला ही सच्चा मनुष्य है! यीशु मसीह के अनुसार जैसे व्यवहार की अपेक्षा आप दूसरों से अपने लिए करते हैं वैसा ही व्यवहार आपको भी दूसरों के साथ करना चाहिए! यीशु मसीह के अनुसार हर व्यक्ति को ईमानदारी से जीवन यापन करना चाहिए. सभी के प्रति ईमानदार रहना चाहिए. स्वयं के प्रति,अपने परिवार के प्रति और समाज के प्रति भी ईमानदार रहें! यीशु मसीह के अनुसार हमें सभी पर विश्वास रखना चाहिए.जैसे हम ईश्वर पर भरोसा रखते हैं, उसी प्रकार हमें अपने आप पर और दूसरे लोगों पर भी भरोसा रखना चाहिए और विश्वास करना चाहिए!

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