
रवीन्द्र नाथ भैया ।
सिपाही का नौकरी दिलाने का आश्वासन देकर रूप्ये की ठगी करना तथा शारीरिक शोषण किये जाने के मामले में प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमार अविनाश ने गोविन्दपुर थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण की मॉग की है। इसके पहले अदालत ने थानाध्यक्ष को परिवादपत्र की प्रति भेजते हुए यह स्पष्ट करने को कहा था कि इस आशय से सम्बंधित कोई प्राथमिकी दर्ज की गई या नही। किन्तु थानाधयक्ष ने एक माह बीतने के बाद भी कोई जबाब अदालत को नही दिया तो अदालत ने थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण की मॉग की है।
बताया जाता है कि गोविन्दपुर थाना क्षेत्र के दुलारडीह निवासी एक महिला को सिपाही की नैकरी देने का प्रलोभन देकर चार लाख से अधिक रूप्ये ठग लिये गये। इतना ही नही उस महिला को नकली सिपाही बना कर नारदीगंज थाना के बाहर तैनात भी कर दिया गया था। फिर उसे मुजफफरपुर स्थांतरण बताते हुए पुनः रूपये की ठगी की गई।
नौकरी पक्का करने का आश्वासन देते हुए शारीरिक शोषण भी किया गया। अपने का ठगा महसूस किये जाने पर पीड़िता ने अदालत में परिवाद दायर कर न्याय की गुहार लगाई है।
दायर परिवाद में अकबरपुर थाना क्षेत्र के मानपुर निवासी सिपाही शिव शंकर कुमार, उक्त सिपाही का साथी पंकज कुमार तथा रजौली प्रखंड पंचायति राज पदाधिकारी शशिकांत वर्मा को अभियुक्त बनाया गया है। परिवाद पत्र के अनुसार पीड़िता ने थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने भी गई। किन्तु प्राािमिकी दर्ज नही होने पर अदालत में परिवाद दायर किया। इसी सम्बंध में अदालत ने 15 मार्च 22 को गोविन्दपुर थाना से प्रतिवेदन की मॉग की थी।
प्रतिवेदन नही भेजे जाने पर 24 मार्च को स्मारपत्र भेजा था। थानाध्यक्ष के द्वारा कोई प्रतिवेदन अदालत में समर्पित नही किये जाने पर दंडाधिकारी ने गुरूवार को स्पष्टीकारण मॉगा है। अब देखना यह है कि पुलिस कोई प्रतिवेदन समर्पित करती है या नही।