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रमजान का आखिरी जुमा अलविदा की नमाज को ले मस्जिदों में उमड़ी भीड़ – नवादा |

रवीन्द्र नाथ भैया |

रहमतों और बरकतों का महीना रमजान अब रुखसत होने वाला है। रमज़ान का पाक महीना अलविदा कहने के लिए तैयार है। शुक्रवार को रमज़ान-उल-मुबारक़ महीने का आखिरी जुमा यानी अलविदा जुमा था। रोज़दारों के लिए यह दिन खास अहमियत रखता है। रमजान मुबारक के आखिरी जुमा में अलविदा की नमाज के साथ ही शुक्रवार को माहे मुबारक के रुखसत होने का एलान किया गया । भारी गर्मी के बावजूद नमाज को ले मस्जिदों में भीड़ उमङ पडी।
क्या है अलविदा जुमा का मतलब:-
अलविदा जुमा का मतलब है किसी चीज़ के रुखसत होना, जैसे यहां इसका मतलब रमज़ान के ख़त्म होने से है। रमज़ान के महीने में आखिरी शुक्रवार को ही आखिरी जुमा कहा जाता है। यही वजह है कि इस मौके पर आखिरी जुमें के दिन अल्लाह से खास दुआ मांगी जाती है कि आने वाला रमज़ान हम सबको नसीब हो। अलविदा जुमा मनाने के बाद लोग ईद की तैयारियों में लग गये हैं।
कब है ईद:-
ऐसी मान्यता है कि अलविदा की नमाज़ में जो भी साफ दिल से दुआ मांगी जाती है, वह ज़रूर पूरी होती है। अब ईद के आने में महज़ दो से तीन दिन रह गए हैं। अगर चांद रविवार यानी 01 को दिखा तो जिले में 2को ईद मनाई जाएगी, नहीं तो 03 को ईद का ऐलान होगा।
क्यों है अलविदा जुमा खास?:-
अल्लाह ने आखिरी जुमे को सबसे खास बताया है। हदीस शरीफ में इस जुमे तो सय्यदुल अय्याम कहा गया है। माहे रमज़ान से प्यार करने वाले कुछ लोग अलविदा जुमे के दिन उदास हो जाते हैं। यूं तो जुमे की नमाज़ पूरे साल खास होती है, लेकिन रमज़ान के दौरान इसका महत्व कई गुणा अधिक हो जाता है ।

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