इंतजार के बाद डीएम के नहीं पहुंचने से ग्रामीणों में असंतोष – नवादा |
स्थानीय अधिकारियों पर लगाया भ्रमित करने का आरोप

जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखण्ड के हरदिया पंचायत स्थित सुदूर जंगल के गाँव सुअरलेटी, भानेखाप तक जिलाधिकारी उदिता सिंह के नहीं पहुँचने पर लोगों में असंतोष है ।
17 नवंबर को हरदिया सेक्टर ए में जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया था और उसी क्रम में सुअरलेटी भानेखाप में एकत्रित जनता से मुलाकात कर उनकी समस्याओं से रूबरू होना था, किन्तु फुलवरिया डैम के पास से ही डीएम का काफिला वापस लौट गया । सूचना पाकर डीएम की प्रतीक्षा कर रहे हजारो ग्रामीणों में खुसर-फुसर होने लगी ।
इनलोगों ने बीडीओ समेत प्रखण्ड स्तरीय अधिकारियों पर आरोप लगाया कि अपनी नाकामियां छिपाने के लिए एक शाजिस के तहत डीएम को ग्रामीणों से नहीं मिलने दिया गया । नक्सल प्रभावित क्षेत्र कह कर यहां के अधिकारी न तो खुद आते हैं और न ही डीएम को आने देते हैं जबकि इस क्षेत्र के लोग अपनी समस्याओं और कठिनाइयों के साथ शांतिपूर्वक जीवन व्यतीत कर रहे हैं ।
17 नवंबर को पूर्व राज्यमंत्री राजबल्लभ प्रसाद का जन्मदिन डैम के आस-पास 13 गाँव के लोगों ने जिस धूमधाम से मनाया इससे साबित हो जाता है कि यह क्षेत्र हरेक लोगों के लिए न केवल सुरक्षित है , बल्कि रोमांचक भी है इसके बावजूद डीएम का यहां नहीं आना दुखद है ।
सिंगर , मरमो , भानेखाप , सुअरलेटी , कुम्भियातरी , परतौनियां , चोरडीहा आदि गावों के प्रतिनिधियों ने डीएम से मांग की है कि 15 दिनों के अंदर इस इलाके का भ्रमण किया जाय और राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं को भ्रष्टाचारमुक्त कर धरातल पर उतारा जाय । इनलोगों ने कहा है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नाम पर वरीय अधिकारियों को भ्रमण करने से जानबूझ कर डराया जाता है ताकि उनकी नजर में सच्चाई नहीं आ सके और अपनी मनमानी कर सके ।
उन्होंने कहा कि अगर डीएम द्वारा इस क्षेत्र का भ्रमण कर समस्याओं का आकलन नहीं किया गया तो हमलोग नवादा समाहरणालय तक पैदल मार्च करेंगे । इस संदर्भ में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर आगे की कार्रवाई की जायगी ।