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राष्ट्रीय लोक अदालत को ले जिला जज ने किया बैठक नवादा ।

रवीन्द्र नाथ भैया ।
14 मई को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता को ले जिला जज ने अपने अधीनस्थ न्यायिक पदाधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया।
नालसा एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला जज राजेश नारायण सेवक पांडेय ने बुधवार को नवादा न्यायमंडल के न्यायिक पदाधिकारीगण के साथ बैठक कर आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत से सम्बंधित आवश्यक दिशा निर्देश दिया। जानकारी दते हुए प्राधिकार के सचिव सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार राम ने बताया कि 14 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। आयोजित होने वाले लोक अदालत में सभी प्रकार के सुलहनीय योग्य वादों का निष्पादन हेतु पक्षकारों को नोटिस भेजी जा रही है तथा नोटिस का तामिला सम्बंधित थाना के द्वारा कराया जा रहा है। पक्षकारों के उपस्थिति के साथ सुलह के आधार पर न्यायालयों में लंबित वादों का निष्पादन किया जाएगा। सभी न्यायालय से सुलहनीय योग्य अपराधिक, माप तौल, श्रम वाद, वन वाद, मोटर दुर्घटना दावा वाद, वैवाहिक वाद, एन. आई. एक्ट वाद में दी गयी सूची एवं निर्गत नोटिसों के तामिला पर विचार विमर्श किया गया ताकि अधिक से अधिक वादों का निष्पादन सुलह के आधार पर किया जा सके।
परिवार न्यायालय में लम्बित तलाक मामले को छोड़कर अन्य वैवाहिक मामलों को चिन्हित कर निष्पादन के संबंध में उचित प्रयास करने हेतु अनुरोध किया गया।
मोटर दुर्घटना दावा वाद से संबंधित सभी सत्र न्यायालयों को प्रभावशाली तरीके से प्रयास करने का निर्देश दिया गया है।
सचिव ने बताया कि जिले केे वन, श्रम तथा मापतौल विभागों के साथ अलग अलग तिथियों में बैठक सम्पन्न किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा वादों का निष्पादन किया जा सके।
बैठक में परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के अलावे न्यायमंडल के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीशगण, अनुमंडल न्यायिक दण्डाधिकारी, न्यायकर्ता, न्यायिक दंडाधिकारी, दिवाकर कुमार, अदिति कुमारी, राजीव कुमार, कंचनप्रभा, हिमांशु भार्गव, अमृतांषा, निहारिका सिंह, अनुभव रंजन एवं रोहित अमृतांषु न्यायिक उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि 14 मई को प्रातः 8ः30 बजे आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत में सभी प्रकार के सुलहनीय योग्य अपराधिक मामले, मापतौल, श्रमवाद, वनवाद, मोटर दुर्घटना दावा वाद, वैवाहिक वाद, बैंकऋण, टेलीफोन वाद, बिजली विपत्र विवाद एवं अन्य सुलहनीय योग्य मामले को निपटाये जायेगें।

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