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जिलाधिकारी ने किसानों के बीच नैनो यूरिया तरल का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने का दिया निदेश – पश्चिम चंपारण |

फसलों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है ईको फ्रेंडली “नैनो यूरिया तरल“ –

फसलों की पैदावार में होगा इजाफा, किसानों की बढ़ेगी आमदनी

500 मिली. नैनो यूरिया तरल एक बोरी पारंपरिक यूरिया बोरी से ज्यादा फायदेमंद

सतेन्द्र पाठक |

बेतिया। जिलाधिकारी, कुंदन कुमार द्वारा कार्यालय प्रकोष्ठ में कृषि विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की गयी। समीक्षा के क्रम में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि खरीफ मौसम 2022-23 में जिले में यूरिया, डीएपी, पोटाश, एनपीके मिक्सचर एवं एसएसपी की पर्याप्त उपलब्धता है, जिसे खुदरा/थोक विक्रेताओं को उपलब्ध करा दिया गया है। इसके अलावे इस माह के अंत तक आइपीएल, किसान यूरिया एवं कृफको कंपनी के यूरिया का तीन रैक जिले को उपलब्ध हो जायेगा। यूरिया का रैक पहुंचते ही सभी थोक/खुदरा विक्रेताओं को उपलब्ध करा दिया जायेगा।

उन्होंने बताया कि इफको द्वारा नैनो यूरिया तरल का निर्माण किया गया है, जो किसानों के लिए अत्यंत ही फायदेमंद है। नैनो यूरिया को बहुत छोटे आकार में ज्यादा क्षमता के साथ तैयार किया गया है। यह 500 मिली. की एक बोतल सामान्य यूरिया के कम से कम एक बैग अर्थात एक बोरी के बराबर है। इसके प्रयोग से किसानों की लागत कम होगी। छोटा आकार होने के कारण इसके परिवहन, भंडारण आदि में किसानों को परेशानी नहीं होगी।

जिलाधिकारी, कुंदन कुमार ने कहा कि इफको द्वारा एक बेहतर प्रोक्डक्ट नैनो यूरिया तरल का निर्माण किया गया है। इसके इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत सुधरेगी। जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण भी कम होगा। नैनो यूरिया एक ईको-फ्रेंडली उत्पाद है। नैनो यूरिया पारंपरिक यूरिया के मुकाबले धीरे-धीरे नाइट्रोजन रिलीज करता है, जिससे पौधों को बेहतर पोषण मिलती है। इसके अलावा यूरिया के परिवहन और भंडारण पर भी होने वाला किसानों को खर्च भी कम होगा। किसानों को कई स्तर पर आर्थिक बचत होगी। किसानों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया तरल से फसलों की पैदावार बढ़ेगी और पोषक तत्वों की गुणवता में सुधार होगा।

उन्होंने कहा कि पारंपरिक यूरिया के अधिक प्रयोग से पर्यावरण दूषित होता है, मृदा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है, पौधो को बीमारी और कीट का खतरा बढ़ जाता है, फसल देर से पकती है और उत्पादन कम होता है। साथ ही फसल की गुणवता में भी कमी आती है। नैनो यूरिया तरल फसलों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है तथा फसलों को गिरने से बचाता है। उन्होंने कहा कि यह उत्पाद भूमिगत जल की गुणवता सुधारने तथा जलवायु परिवर्तन व टिकाउ उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा।

जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटि लिमिटेड (इफको) द्वारा निर्मित नैनो यूरिया तरल के फायदों से जिले के किसानों को अवगत कराने हेतु व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करें। किसानों को जागरूक एवं प्रेरित करें कि पारंपरिक यूरिया के मुकाबले नैनो यूरिया तरल पौधों के स्वास्थ्य, उत्पादन और किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है।

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, विजय प्रकाश सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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