
रवीन्द्र नाथ भैया |
उदिता सिंह जिलाधिकारी ने स्थानीय जन प्रतिनिधियों के आग्रह पर तुंगी जाकर पान की खेती को नजदीक से देखा। काफी धूप और गर्मी के बावजूद भी जिलाधिकारी पगडंडी पर पैदल चलते हुए पान के दो घरों के अन्दर जाकर खेती का सूक्ष्म निरीक्षण किय।
उन्होंने उपस्थित पान किसानों से फिडबैक प्राप्त किया। एक किसान ने बताया कि एक विगहा पान की खेती करने में 05 लाख रूपये की पूंजी लगती है। फसल अच्छा होने पर 10 लाख की कमाई हो जाती है। उन्होंने किसानों से पूछा कि आपको किस प्रकार की मदद चाहिए।
स्थानीय किसानों ने बताया कि शीतल घर का निर्माण जिससे कि पान के पत्ते को एक सप्ताह तक सुरक्षित रखा जा सके। बाजार की आवश्यकता है जहां बिना बिचैलिये के हमलोग पान की पत्ती को लाभकारी मूल्य पर बेच सकें। कभी-कभी पान के पत्ते को औने-पौने भाव पर बेचना पड़ता है जिससे हानि होती है। डीआरडीए के द्वारा तुंगी और मंझवे में पान गृह का निर्माण किया गया है जो अभी तक अन उपयुक्त है। जिलाधिकारी ने स्थानीय मुखिया और किसानों को निर्देश दिया कि गया में जाकर शीतल घर का निरीक्षण करें जिसका निर्माण नवादा में भी किया जा सके।
जिलाधिकारी ने स्थानीय किसानों को सरकार के द्वारा दी जा रही अनुदानों के संबंध में बताया। मंडी के लिए डीआरडीए भवन को साफ-सुथरा कर उपयुक्त बनाने का निर्देश प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया।
“जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार के द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ सुलभ कराया जायेगा। इसके लिए जिला उद्यान पदाधिकारी को कई आवश्यक निर्देश मोबाइल के माध्यम से तत्काल दिया गया। उन्होंने पान की खेती से दोगुना मुनाफा प्राप्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश स्थानीय किसानों को दिया।
निरीक्षण के समय सत्येन्द्र प्रसाद डीपीआरओ, रितेश कुमार प्रखंड विकास पदाधिकारी, लव कुश कुमार अंचल अधिकारी, राजीव कुमार स्टोनो, तुगी के स्थानीय मुखिया के साथ दर्जनों किसान उपस्थित थे।