BiharLife StyleState

शिक्षा-सामाजिक क्षेत्र , सशक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं डा. नम्रता आनंद – पटना |

रवि रंजन |

पटना : राजकीय-राष्ट्रीय सम्मान से अंलकृत समाज सेविका-शिक्षिका डा. नम्रता आनंद आज के दौर में न सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में धूमकेतु की तरह छा गयी हैं बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी क्षितिज पर भी सूरज की तरह चमक रही हैं।
बिहार के किशनगंज में तत्कालीन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार वर्मा और रजनी वर्मा के आंगन में जन्मीं डा. नम्रता आनंद अपने पिता के आदर्शो और कर्तव्यनिष्ठा से बेहद प्रभावित है। डा. नम्रता आनंद की दो बहन स्वाति आनंद और पल्लवी राज हैं,जबकि बड़े भाई विवेक विभूति हैं। नम्रता आनंद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बिहारशरीफ, बांका और सीतामढ़ी से पूरी की। सीतामढ़ी से कमला गर्ल्स हाई स्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह
आंखों में बड़े सपने लिये अपने परिवार के साथ राजधानी पटना आ गयी। आईपीएस ऑफिसर किरण बेदी से प्रभावित रहने के कारण नम्रता उन्हीं की तरह प्रशासनिक सेवा में काम करना चाहती थी।

महान समाजसेविका मदर टेरेसा के सामाजिक कार्यो से प्रभावित नम्रता आनंद जब महज 13 साल की थी तब उन्होंने अपने मुहल्ला चितकोहड़ा , विष्णुपुरी , कौशल नगर , मुर्गी बगीचा, यारपुर,मीठापुर, एक्सजिविशन रोड,कुरथौल में स्लम के गरीब बच्चों को नि.शुल्क शिक्षा देने का काम शुरू किया और बच्चों में शिक्षा का ज्योत जलाया। अपने पाकेटमनी से वह उन स्लम के बच्चों के लिए कॉपी,किताब,पेंसिल और चॉकलेट्स लेकर जाती थी और पढ़ाती थी।

नम्रता आनंद ने वर्ष 1998 में इंटरमीडियट की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने वर्ष 1999 में बच्चों को लेकर कार्यक्रम करने शुरू किये। इस बीच वर्ष 2001 में नम्रता आनंद ने बी.ए और वर्ष 2004 में उन्होंने एम.ए की पढ़ाई पूरी की। वर्ष 2004 में नम्रता आनंद ने शादी की। वर्ष 2004 में उन्होंने बी.एड और वर्ष 2005 में एम.एड और वर्ष 2007 -2014 में प्रो. डा. स्वर्गीय किरण कुमार मलतयार के निर्देशन में उन्होंने पी.एच.डी पूरी की और नम्रता आनंद , डा. नम्रता आनंद बन गयी।

डा. नम्रता आनंद को भारत सरकार के केन्द्रीय चयन समिति ने वर्ष 2004 में राष्ट्रीय विकास और सामाजिक सेवा में किये गये उत्कृष्ठ कार्य के लिये स्वामी विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी के अवसर पर झारखंड के जमशेदपुर में राष्ट्रीय यूथ अवार्ड सम्मान से सम्मानित किया गया। वर्ष 2007 में डा. नम्रता आनंद मध्य विद्यालय सिपारा में बतौर शिक्षिका काम करने लगी।

वर्ष 2008 में डा. नम्रता आनंद ने दीदीजी फाउंडेशन की नीवं रखी और महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर काम किया।

वर्ष 2013 में डा. नम्रता आनंद की योग्यता को देखते हुये उन्हें फुलवारी ब्लॉक का संयोजक बनाया गया, जिसके अंतगर्त उन्हें 15 स्कूल के 2500 बच्चों के सर्वांगीण विकास का अवसर मिला। वर्ष 2019 में डा. नम्रता आनंद को माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की सर्वश्रेष्ठ 20 शिक्षकों में सम्मानित किया। वर्ष 2021 जनवरी में डा. नम्रता आनंद ने कालिदास रंगालय में बाल उड़ृान और राष्ट्रीय सम्मान का आयोजन किया, जिसके तहत देशभर से कई हस्तियों को राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया। वर्ष 2021 में डा. नम्रता आनंद अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ संगठन ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) से जुड़ गयी। काम के प्रति निष्ठा और समर्पण को देखते हुये उन्हें जीकेसी बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।
डा. नम्रता आनंद बक्सवाहा के जंगल को बचाने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

वर्ष 2020 में ही डा. नम्रता आनंद ने कुरथौल के फुलझड़ी गार्डेन में संस्कारशाला की स्थापना की। संस्कारशाला के माध्यम से गरीब और स्लम एरिया के बच्चों का नि.शुल्क शिक्षा, संगीत, सिलाई-बुनाई, पेंटिंग और डांस का प्रशिक्षण दिया जाता है।

26 मार्च 2022 डा. नम्रता आनंद के करियर के लिये एक महत्वपूर्ण मोड़ लेकर आया। डा. नम्रता आनंद को सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान को देखते हुये ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस ने उन्हें महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान से नवाजा। इसके अलावा डा. नम्रता आनंद
नारी रत्न अर्वाड, छात्र रत्न,युवा रत्न, राजीव गांधी समरसता अवार्ड, इंदिरा गांघी समरसता अवार्ड, बेस्ट वालिनटियर अवार्ड, इंटरनेशनल समरसता यूनिटी गोल्ड मेडल, महिला शक्ति शिरोमणि स्वर्ण पदक, इंडो नेपाल समरसता अवार्ड, इंडो नेपाल एकता अवार्ड, इंडो नेपाल समरसता अभिनंदन पत्र, समाज रत्न अवार्ड, दिल्ली गॉड गिफ्टेड अवार्ड, काठमांडु-नेपाल इंटरनेशनल अवार्ड, स्वामी विवेकानंद अवार्ड, कर्मयोगी महिला सम्मान, नेशनल प्राइड अवार्ड, लाल बहादुर शास्त्री सम्मान,सेवा रत्न अवार्ड, कोरोना वारियर अवार्ड समेत कई प्रतिष्ठित अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button