नूर बिगहा गांव में पेयजल संकट गहराया – नवादा |

रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले के नारदीगंज प्रखंड के इचुआ करना पंचायत की नूर बिगहा गांव में पेयजल संकट गहरा गयाहै। पानी के अभाव में ग्रामीणों को प्यास बुझाने में काफी मशक्कत उठानी पड़ रही है।
एक ओर जेठ माह की तपती धूप है, वही दूसरी ओर गांव में पानी की किल्लत से ग्रामीण हलकन हो रहें हैं। कहने को तो गांव में पीएचडी विभाग के माध्यम से दो पहाड़ी चापाकल लगा हुआ है। एक चापाकल योगेन्द्र चौहान के घर के समीप तो दूसरे चापाकल कमला देवी पति स्व0 जानकी चौहान के घर के निकट लगा हुआ है। दोनों चापाकल पिछले कई माह से शोभा की वस्तु बनी हुई है। कोई देखनहार नहीं है।
सबसे बड़ी बात है कि इस गांव में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना का हाल भी खस्ता बना हुआ है। ग्रामीणों को नलजल योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है,जबकि सरकार व जिला प्रशासन ने हर घर को नलजल योजना से जोड़कर पेयजल आपूर्ति करने के लिए कटिबद्ध है, वावजूद यह दावे भी खोखले साबित हो रहा है।
ग्रामीण बताते हैं कि वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत गांव में देवी स्थान के समीप केवल बोरिंग हुआ है।नलजल का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है।योजना की राशि भी निकासी हो गई है।औऱ ग्रामीणों के कंठ भी तर नहीं हो सका।
इस सम्बंध में समाजसेवी सह ग्रामीण योगेन्द्र चौहान, बैधनाथ चौहान, भरत चौहान, रामबिलास चौहान, कृष्ण चौहान, श्री चंद्र चौहान समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया यह गांव पूर्णरूपेण उपेक्षित है, तकरीबन 80 घर अतिपिछड़ा परिवार निवास करता हैं। दोनों पहाड़ी चापाकल केवल दिखावे की स्थिति में है। वही दो वर्ष पहले मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत केवल बोरिंग होकर रह गया है,किसी भी घर को नलजल से नहीं जोड़ा गया है,राशि भी निकासी हो गया है,जो जांच का विषय है। विभागीय अधिकारियों का ध्यान दिलाया गया था, लेकिन ढाक के तीन पात की हालत बनकर रह गया है, अब विवशतावश लोग दूसरे घर से पानी लाकर प्यास मिटा रहें है।
ग्रामीणों ने पेयजल समस्या समाधान करने की मांग डीएम व पीएचडी कार्यपालक अभियंता से किया है।
इस सम्बंध में पीएचडी जेई प्रिंस कुमार को भी स्थिति से अवगत कराया गया।तो उन्होंने स्थल जांचोपरांत पेयजल संकट दूर करने की बात कही।