हर आदमी अपने अपने अमल का जिम्मेदार है – मौलाना शब्बीर अली वारसी – मुजफ्फरपुर |

रवि रंजन |
मुजफ्फरपुर :अल्लाह की इबादत करने के लिए मारेफ़त होना बहुत ज़रूरी हैं जब तक हमको उस ईश्वर की सही पहचान नहीं होगी उस वक़्त तक इबादत में ना तो मज़ा आएगा और न ही ऐसी इबादत का सवाब मिलेगा।ये बातें फैयाज हैदर एडवोकेट के पिता की मजलिसे चेहलुम से खिताब करते हुए मौलाना शब्बीर अली वारसी ने कहीं। उन्होंने कहा के दीन के मामले में किसी के लिबास पर नहीं बल्कि इंसान किरदार पर भरोसा करना चाहिए।दीन धर्म की बातें सीखना है तो नेक और बाकिरदार शख्स से सीखना चाहिए उसी में कामयाबी है। मौलना ने कहा के हर इंसान अपने अमल का स्वयं जिम्मेदार है कोई भी किसी का बोझ नहीं उठाएगा।वहीँ मौलाना ने मौत और हयात के विषय पर तक़रीर करते हुए कहा के मृत्यु के बाद भी दुनिया है जिसे आख़ेरत कहा जाता है हम सबको उसकी फ़िक्र करनी चाहिए। मजलिस का आयोजन बड़ा इमामबाड़ा मुहल्ला कमरा में किया गया। मजलिस से पहले क़ुरआन खानी हुई वहीँ सोज़्खानी जाफर अब्बास ने की जबकि पेशख्वानी मुहम्मद अली दिल्ली, वारिस हुसैन और शबीहुल हुसैन फूल बाबू ने की। जबकी संचालन सैयद मोहम्मद बाकर ने किया। मजलिसे चेहलुम में बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे। मौजूद लोगों ने मरहूम के हक़ दुआए मग़फ़ेरत की।