
जिले के अकबरपुर के एक गांव में मासूम के साथ दुष्कर्म के बाद आरोपी का पंचायत में उठक-बैठक का वीडियो वायरल होते ही प्रशासन हरकत में आया. बुधवार की देर शाम पीड़िता के चाचा के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी. दर्ज प्राथमिकी में सिर्फ मुर्गी फार्म संचालक अरुण पंडित को आरोपी बनाया गया है. प्राथमिकी 21 नवम्बर के आवेदन को दरकिनार कर 23 नवम्बर के आवेदन पर दर्ज किया गया है.
बता दें घटना के बाद 21 नवम्बर को पीड़िता के चाचा ने आवेदन दिया था. तब प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी थी. बाद में पूर्व मुखिया की अध्यक्षता में पंचायत बैठा दुष्कर्म की सजा मात्र पांच बार उठक- बैठक का वीडियो वायरल हुआ था.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि 21 नवम्बर के आवेदन पर प्राथमिकी क्यों नहीं? इससे स्पष्ट होता है कि हर कोई मामले को दबाने का हरसंभव प्रयास कर रहा है. कारण चाहे जो हो. घटना की चर्चा हर जगह हो रही है तथा वायरल वीडियो को आधार बना कार्रवाई की मांग की जा रही है.
इस बीच राजद व्यावसायिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राजीव कुमार बावी ने पंचायत कर आरोपी को बचाने का प्रयास करने वाले पूर्व मुखिया के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर पूरे मामले की जांच एसपी को खुद करने की मांग की है. इससे संबंधित प्रेस विज्ञप्ति बावी ने जारी कर एसपी से मामले को दबाने का प्रयास करने वालों को बेनकाब करने का अनुरोध किया है.