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आवास सहायक पर एफआईआर का आदेश, लाभुकों से अवैध वसूली में कार्रवाई – नवादा |

रवीन्द्र नाथ भैया |
पीएम आवास के लाभुकों से अवैध रुपये वसूली में जिले के उग्रवाद प्रभावित कौआकोल प्रखंड के दरावां पंचायत के आवास सहायक रंधीर कुमार नप गए हैं। उनपर एफआईआर दर्ज कराने का आदेश जारी हुआ है। डीडीसी मो. नैय्यर इकबाल ने वहां के बीडीओ को दो दिनों के अंदर एफआईआर दर्ज कराने और स्पष्ट मंतव्य के साथ आरोप गठित कर प्रतिवेदन भेजने को कहा है। अनुमंडल पदाधिकारी नवादा सदर उमेश कुमार भारती की जांच रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
दरअसल, आवास सहायक को एक ऑडियो वायरल हुआ था। जिसमें एक लाभुक के पुत्र व आवास सहायक के बीच बातचीत रिकार्ड था।
ऑडियो में आवास योजना का लाभ देने के नाम पर रुपये वसूली के आरोपों पर दोनों के बीच बातचीत हुई थी। यह बातचीत तब हुई थी जब कुछ लाभुकों ने नवादा कलेक्ट्रेट पहुंचकर आवास सहायक पर रुपये वसूली की शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई थी।
लाभुकों की लिखित शिकायत और वायरल ऑडियो की सत्यता की जांच एसडीएम सदर द्वारा की गई थी।
जांच रिपोर्ट में रुपये लेन देन की बात की पुष्टि हुई। दो लाभुकों उषा देवी व कारी देवी ने 10-10 हजार रुपये और खुशबू कुमारी ने 15 हजार रुपये की वसूली की पुष्टि की। जांच के दौरान यह बात सामने आई की वायरल ऑडियो आवास लाभुक उषा देवी के पुत्र सुनिल कुमार और आवास सहायक रंधीर कुुमार के बीच का है। जांच पदाधिकारी के समक्ष आवास सहायक ने वायरल ऑडियो में उसकी आवाज होने की बात स्वीकारी है।
27 मई को ऑडियो वायरल हुआ था। 4 जून को एसडीओ द्वारा जांच रिपोर्ट डीडीसी को सौंपी गई थी। 11 जून की तिथि में डीडीसी द्वारा कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है।
अनुमंडल पदाधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर डीडीसी ने ग्रामीण आवास सहायक रंधीर कुमार के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने, अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए आरोप गठित कर स्पष्ट अनुशंसा पत्र दो दिनों के अंदर उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। इसके साथ ही अगले आदेश तक आवास सहायक का मानदेय भुगतान रोक दिया गया है।
बता दें कि इसके पूर्व मेसकौर प्रखंड के बारत पंचायत और नारदीगंज प्रखंड के कहुआरा पंचायत के आवास सहायक के विरूद्ध भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। आवास योजना में भ्रष्टाचार और अवैध वसूली की बात आम हो गई है।
डीएम सहित तमाम वरीय अधिकारियों को आए दिन इसकी शिकायतें मिल रही है। कार्रवाई भी हो रही है, फिर भी आवास सहायक व उनके बिचौलिए अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं।

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