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वन टेकरों को पर्यावरण दिवस पर देना पड़ा धरना, साल भर से नहीं मिला वेतन – नवादा |

रवीन्द्र नाथ भैया |

जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली वन प्रक्षेत्र में कार्यरत दर्जनों केयर टेकरों व पौधशाला में काम करने वाले मजदूरों काे करीब 13 महीने से मानदेय भुगतान नहीं किया गया है।
ऐसे में काम करने वाले मजदूर व उनके परिवार के लोग काफी पेशानी में जी रहे हैं। आक्रोशित मजदूरों ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर रविवार को अपना प्रतिरोध जताया। हरदिया पंचायत की पडिया पौधशाला के द्वार पर धरना पर बैठ गए।
इसकी सूचना रजौली पूर्वी वनपाल राजकुमार पासवान को मिली तो वे वनारक्षियों के साथ पौधशाला पहुंचे और धरना पर बैठे मजदूरों को समझाने-बुझने में जुट गए।
मजदूर शकुंतला देवी, रानी देवी, चंद्रकला देवी, रेणु देवी, चांदो राजवंशी, भोला राजवंशी, राकेश कुमार, रामस्वरूप यादव व धर्मेन्द्र कुमार आदि मजदूरों ने बताया कि लगभग 13 माह पूर्व से मानदेय वेतन भुगतान वन विभाग द्वारा नहीं किया गया है। पैसे के आभाव में परिवार का पालन-पोषण करने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कड़ी धूप में भी अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना पौधों की देखभाल करते हैं। दूसरा कोई काम नहीं करते हैं। वन विभाग द्वारा नियमित वेतन भुगतान नहीं करने से पौधशाला में कार्यरत मजदूरों एवं उसके परिजनों का जीना मुहाल हो गया है।
वनपाल के समझाने-बुझाने का असर उन लोगों पर नहीं हो रहा था। मजदूर वेतन भुगतान की मांग पर अड़े थे। वनपाल ने बताया कि पूरे बिहार में अप्रैल 2021 से मजदूरों का पैसा बकाया है।
इसके पूर्व विभागीय सचिव के द्वारा मजदूरों को काम करने का आदेश दिया गया था। मजदूरों का वेतन भुगतान की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
काफी मान-मनौव्वल के बाद मजदूर वनपाल से मिले सांत्वना के बाद धरना से हटे। तब पुनः सुचारू रूप से कार्य शुरू हुआ।
वन टेकरों ने बताया कि हम सभी वन में पेड़-पौधों की देखभाल में जुटे हुए हैं। बावजूद हमसभी का वेतन भुगतान बीते 11 माह से नहीं किया गया है। वरीय पदाधिकारियों से बार-बार वेतन भुगतान करने आश्वासन दिया जाता है, लेकिन भुगतान होता नहीं है।

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