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हिसुआ के डॉ. कुणाल ने किया केस स्टडी मेथड में अध्ययन – नवादा |

भारतीय प्रबंध संस्थान काशीपुर में कार्यरत वित्त प्रबंधन के फैकल्टी है डाॅ. कुणाल

रवीन्द्र नाथ भैया |

भारतीय प्रबंध संस्थान काशीपुर में कार्यरत वित्त प्रबंधन के फैकल्टी डॉ कुणाल ने विश्व के सर्वश्रेष्ठ प्रबंध संस्थान हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल के ग्लोकोल प्रोग्राम के द्वितीय चरण को पूरा किया है। यह प्रोग्राम अमेरिका के बोस्टन शहर स्थित हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल के प्रांगण में आयोजित किया गया था।
ज्ञातव्य हो कि इसका पहला चरण भी यहीं संपन्न हुआ था। सामान्य तौर पर दूसरा चरण एशिया के दो शहरों मुंबई एवं शंघाई में होता है। इस वर्ष कोरोना की अनिश्चितता को देखते हुए, दोनों चरणों का आयोजन बोस्टन में किया किया।
यह प्रोग्राम केस स्टडी पर केंद्रित था। मैनेजमेंट एजुकेशन में केस स्टडी मेथड को स्थापित करने वाला हार्वर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका का हारवर्ड बिज़नेस स्कूल है। यह 1908 में स्थापित हुआ था एवं अभी तक पुरे विश्व में इस टीचिंग मेथड को स्थापित कर चुका है। इस यूनिवर्सिटी ने इस क्षेत्र में कन्वेंशनल मेथड जो की लेक्चर बेस्ड होता है, को विस्थापित कर दिया है। विश्व के सारे मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट अब केस स्टडी मेथड को अपना लिए है।
विगत 115 सालों के इतिहास में एक से एक केस लिखा गया है जिसने की टेक्स्टबुक की जगह ले ली है। समय के साथ बदलते हुए जरूरतों के हिसाब से केस स्टडीज में भी बदलाब किये गए है।
केस के साथ टीचिंग नोट्स,बैकग्राउंड नोट्स एवं टेक्निकल नोट्स भी तैयार किया जाता है। इन सबको मिलाकर एक कोर्स का स्टडी मटेरियल तैयार होता है। डॉ कुणाल ने इस प्रोग्राम के अंतर्गत सभी पहलुओं को अच्छी तरह समझा है एवं इसका उपयोग वो भारतीय प्रबंध संस्थान काशीपुर में करेंगे।
इस प्रोग्राम में डॉ कुणाल ने वैश्विक, राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय समस्यायों को समझने एवं उसका समाधान के लिए स्टडी मटेरियल डेवलपमेंट के लिए अपना मंतव्य दिया। इस तथ्य को लेकर हार्वर्ड के विशेषज्ञों की राय को मानते हुए अपने देश, राज्य एंड क्षेत्र को केंद्र में रखते हुए डॉ कुणाल, केस डेवलप करेंगे।
जिले के हिसुआ प्रखंड क्षेत्र के डोमन बीघा के रहने वाले हैं डॉ. कुणाल:-
डॉ कुणाल जिले के हिसुआ ब्लॉक के डोमन बीघा गांव के निवासी है। उनके पिता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने भी शिक्षा के क्षेत्र में काम किया है। डॉ कुणाल के इस उद्देश्य की पूर्ति में उनके पिता का व्यक्तित्व तथा सामाजिक नेटवर्क का पूरी तरह से सहायता मिलेगा। इसके साथ ही, वो इस क्षेत्र से लोगों का बौद्धिक स्तर से सहयोग के लिए उत्साहित है। अभी डॉ कुणाल, गवर्नमेंट पालिसी इम्प्लीमेंटेशन एवं स्टार्टअप के लिए सक्रिय है।

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