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अधिकारियों की मिलीभगत से ककोलत में वर्षों से हो रही थी वाहनों से अवैध वसूली – नवादा |

सुरक्षा के नाम पर एक मात्र चेहरा था यमुना पासवान

रवीन्द्र नाथ भैया |

जिले के ककोलत शीतल जलप्रपात के केयर टेकर यमुना पासवान एवं सुरेश पासवान दो ऐसे हस्ती हैं जिनका नाम गिनीज बुक में दर्ज है! पूर्व में ककोलत को इनके ही धरोहर के रूप में तराशाने का काम किया था.
पूर्वजों के अलावे इनके 35 वर्ष के अथक परिश्रम और प्रयास से ककोलत का अस्तित्व जिंदा है!
यमुना पासवान एवं सुरेश पासवान को प्रशासन द्वारा उन्हें धोखे से गिरफ्तार कर लिया !
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रशासन को यह पता नहीं था कि कई सालों से यहां वाहन लगाने पर पार्किंग शुल्क लिया जाता था ? बदले में सुरक्षा की पूरी गारंटी दी जा रही थी. क्या पहली बार प्रशासन ककोलत जलप्रपात में जांच के लिए आई, क्या इसके पहले प्रशासन वहां कभी नहीं पहुंची थी, वहां पर हजारों सैलानियों का आगमन प्रतिदिन स्नान के लिए होता है. प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर दो चार होमगार्ड की प्रतिनियुक्ति कर अपने कर्तव्य की इति श्री करले रही है. जो कुछ पार्किंग से चंद रुपए आते थे वह यमुना पासवान के द्वारा वहां के सुरक्षा व्यवस्था पर खर्च करते थे एवं अपना भी जीवन यापन करते थे.
जब कभी ककोलत जलप्रपात में बड़े बड़े अधिकारी और जिला अधिकारी पहुंचते थे तो उनकी सेवा उनके आगे पीछे और ककोलत के बारे में बताने का काम यमुना पासवान किया करते थे. अचानक से क्या हो गया कि प्रशासन यमुना पासवान और सुरेश पासवान को गिरफ्तार कर कार्रवाई करने पर तुल गई.
यमुना पासवान एवं सुरेश पासवान जिन्होंने तकरीबन 150 लोगों को ककोलत में डूबने से रोककर नया जीवनदान दिया.
इतने सालों से अगर ककोलत जलप्रपात में वाहन पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली हो रही थी तो प्रशासन कहां सोई थी ?अगर यह सत्य है तो आला अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जो आज तक पैसे लेकर नाजायज वसूली को नहीं रोका ? ककोलत आज से नहीं कई वर्षों से यहां मौजूद है,
गिरफ्तारी की गहरी जांच होनी चाहिए और उन आला अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जिनके देखरेख में यहां अवैध वसूली हो रही थी.

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