
रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले में बालू माफियाओं का मनोबल सातवें आसमान पर है। आए दिन बालू माफियाओं के द्वारा कभी पुलिस तो कभी खनन विभाग की छापेमारी टीम पर हमला तो कभी अवैध बालू लदे ट्रैक्टर से पुलिस वाहन को रौंदने का प्रयास किया जा रहा है।
ताजा मामला जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र की है, जहां अपसढ गांव से लौट रही पुलिस वाहन को अवैध बालू लदे ट्रैक्टर चालक ने रौंदने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस वाहन को रौंदने के पहले ट्रैक्टर दिवार से टकरा गई, जिससे पुलिस बाल बाल बच गई।
मिली जानकारी के अनुसार वारिसलीगंज पुलिस पीएचसी के मुख्य द्वार पर वाहन दुर्घटना में मौत की शिकार हुई अपसढ ग्रामीण श्रवण सिंह की 45 वर्षीय पत्नी प्रेमलता देवी के परिजन से मिलकर थाना वापस लौट रही थी,तभी रास्ते में सिमरी बिगहा गांव के पास अवैध बालू लदा बगैर नंबर के आइसर कम्पनी का ट्रैक्टर पर पुलिस की नजर पड़ी। पुलिसकर्मियों ने ट्रैक्टर को पकड़ने का प्रयास किया, जिससे बौखलाए ट्रैक्टर चालक ने सामने खड़ी पुलिस वाहन को रौंदने का प्रयास किया, लेकिन ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर सड़क किनारे एक मकान के दिवार से टकरा गया। दिवार में टक्कर मारने के बाद ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर से कुदकर भागने लगा। ग्रामीणों ने भाग रहे चालक को खदेड़कर पकड़ लिया, जिसे पुलिस को सौंप दिया।
ज्ञात हो कि इसके पूर्व वारिसलीगंज तथा मुफस्सिल थाना क्षेत्र में कई बार बालू माफियाओं के द्वारा पुलिस तथा खनन विभाग की टीम पर हमला किया जा चुका है।
पिछले साल बालू लदे ट्रैक्टर ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के खराट मोड़ के पास अवैध् बालू लदा वाहन ने एक होमगार्ड जवान को कुचलकर हत्या कर दिया था। लोगों का मानना है कि खनन विभाग वारिसलीगंज में बालू माफियाओं को बालू लूट की छुट दे दिया है। सुबह चार बजे से वारिसलीगंज के मिल्की, दरियापुर तथा मसनखामा मरलाही नदी से सैकड़ों ट्रैक्टरों के द्वारा बालू लादकर वेखौफ होकर ग्राहकों तक पहुंचाने का काम देर शाम तक किया जाता है मानो खनन विभाग ने उसे नदी घाटों से बालू उठाव का लाईसेंस दे दिया है।