सम्पर्क पथ के अभाव में बांस की सीढ़ी के सहारे जान जोखिम में डाल कर रहे आवागमन – नवादा |

रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले के उग्रवाद प्रभावित रोह प्रखंड क्षेत्र के कुंजैला-गोसांइबिगहा के पास सकरी नदी पर बने सड़क पुल पर चढ़ने के लिए नदी पार के लोगों को सीढ़ी का सहारा लेना पड़ रहा है। जिसके कारण लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है। पुल के उपरी किनारों पर निकली छड़ों के बीच से किसी तरह से बांस की सीढि़यों से पुल पर चढ़ना किसी जोखिम से कम नहीं है। बावजूद महिलाएं, युवा, बच्चे इसके जरिए अपनी यात्रा कर रहे हैं। प्रशासन मूकदर्शक बना है।
सकरी नदी पर पुल निर्माण हुए कई माह बीत गए। परन्तु संपर्क पथ का निर्माण नहीं किया गया है। सम्पर्क पथ निर्माण के लिए प्रशासनिक स्तर पर सात जून को जिला समाहर्ता द्वारा आठ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। बावजूद इनलोगों द्वारा अभी तक स्थल निरीक्षण नहीं किया गया है।
नदी में पानी आ जाने के बाद लोगों की बढ़ी हुई है मुश्किलें:-
सकरी नदी में पानी आ जाने के कारण लोग जान जोखिम में डालकर पुल पर चढ़ रहे हैं। पुल पर चढ़ने व उतरने के लिए लोग बांस की सीढ़ी का सहारा ले रहे हैं। जिससे गिरने की संभावना बनी रहती है। खासकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सीढ़ी चढ़ने में परेशानी होती है। बावजूद पुल पर चढ़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। जिसके कारण कई बार कुछ लोग गिरकर जख्मी भी हो रहे हैं। क्योकि सीढ़ी चढ़ना लोगों की मजबूरी भी है। नदी में पानी रहने पर जिला मुख्यालय जाने के लिए लोगों को पुल पर चढ़ कर नदी के आरपार जाना मजबूरी है। बावजूद सम्बंधित विभाग लोगों की परेशानी पर संजीदा नहीं दिख रहा है। बिना संपर्क पथ के पुल पर चढ़ना खतरे से खाली नहीं है।
पुल निर्माण संघर्ष समिति द्वारा चंदा उगाही कर पुल पर चढ़ने के संपर्क पथ निर्माण करने का निर्णय लिया है। अब देखना यह है कि यह निर्णय भी कबतक साकार रूप लेता है।
कौन-कौन हैं कमेटी में-
कुंजैला के पास सकरी नदी पर स्थित पुल को जोड़ने के लिए सम्पर्क पथ निर्माण के लिउ गठित कमेटी में अपर समाहर्ता नवादा, जिला भू अर्जन पदाधिकारी नवादा, अनुमंडल पदाधिकारी रजौली, भूमि सुधार उप समाहर्ता रजौली, अंचलाधिकारी रोह, ग्रामीण कार्य विभाग रजौली के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार, सहायक अभियंता अनामिका सिन्हा व अवर निबंधक रजौली सहित आठ सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। तथा इनलोगों को योजना अंतर्गत सतत लीज पर ली जाने वाली भूखंडों को जांचकर भूखण्ड का मूल्यांकन प्रतिवेदन तथा निबंधन शुल्क के सम्बंध में प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा गया है।