जिले में 59 की जगह मात्र 35 घाटों पर ही होगी बालू खनन की बंदोबस्ती – नवादा |

रवीन्द्र नाथ भैया |
बीते 5 माह से बालू संकट झेल रहे जिलेवासियों को साल के अंत में वैध रूप से बालू मिलना संभव हो सकता है, लेकिन पहले की अपेक्षा अब कम बालू घाटों से ही काम चलाना पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार जिले में 24 बालू घाट कम जाएंगे। ऐसा नए डिस्टिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर होने वाला है।
जिले के करीब 40 ऐसे बालू घाट है, जहां खनन पैरामीटर के अनुसार बालू ही नहीं है। ऐसे घाट बंद होंगे और उनकी जगह अगल-बगल के नए घाट चालू होंगे। दरअसल बालू खनन के नए बंदोबस्ती के लिए राज्य भर में खनिज संपदा को लेकर डिस्ट्रिक्ट सर्वे कराया गया है।
नवादा में भी सर्वे पूरा हो गया। सर्वे टीम ने सभी घाटों का जायजा लेकर बालू की मात्रा, खनन के लिए उचित स्थान, पर्यावरण की सुरक्षा आदि बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार किया है। अब इस सर्वे रिपोर्ट पर मुहर लगना बाकी है।
सूत्रों के अनुसार जिला से जो सर्वे रिपोर्ट भेजी गई है उसमें जिले के 7 नदियों के 50 स्थानों पर बालू खनन की अनुशंसा की गई थी लेकिन उनमें से 35 घाटों पर ही स्वीकृति मिलने की बात कही जा रही है। हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर कुछ कहा नहीं जा रहा।
कई विभागों से अनुशंसा और एनओसी साल के अंत तक ही चालू हो सकते हैं बालू घाट:-
सर्वे रिपोर्ट में कई विभागों से जानकारियां जुटाई गई है और उनसे सहमति ली गई है। सिंचाई विभाग, प्रदूषण नियंत्रण परिषद, भू-गर्भ विज्ञान, खनन पदाधिकारी या अनुमंडलीय कमेटी की अनुशंसा और सुझाव शामिल किए जाने होते हैं। हालांकि, सरकारी तौर पर बालू का खनन होने में अभी कई महीने लग सकते हैं। जल्दी भी हुआ तो साल के अंत तक ही बालू का खनन शुरू होने की संभावना है। अभी पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं मिलने के चलते घाट बंद है। इसके बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर बरसात के मौसम में एक जुलाई से 30 सितंबर तक पूरे राज्य में बालू का खनन बंद हो जाएगा। इसके बाद ही नई बंदोबस्ती और बालू खनन संभव है।
7 नदियों में होगा बालू का उठाव:-
नए डीएसआर में जिले की 7 नदियां बालू खनन के लिए उपलब्ध बताई गई है। इनमें सकरी, खुरी, नाटी, धनार्जय, पंचाने तिलैया और ढाढर नदी शामिल है। जिला खनन विभाग द्वारा इन नदियों में 50 स्थानों पर बालू खनन का प्रस्ताव भेजा गया था और आम जनों से आपत्तियां मांगी गई थी।
सूत्रों के अनुसार सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद खनन मुख्यालय में 15 और बालू घाट कट गए हैं और 35 घाटों की ही बंदोबस्ती हो पाएगी।
कई प्रमुख बालू घाट बंद होंगे:-
इससे पहले जिले में 59 बालू घाट थे जहां 5 सालों तक बालू उठाव किया गया। इनमें से गोसाई बीघा, लखपत बिगहा, कुंज, लखमोहना, फल्डू, बेलदरिया, दरियापुर जैसे कुछ चुनिंदा घाट ही चालू रहेंगे बाकी के अधिकतर पुराने घाट बंद हो जाएंगे। जिन घाटों को बंद किया गया है उनमें कादिरगंज, कलयुगवा, मिर्जापुर, खानपुर, तुंगी, हदसा आदि बड़े बालू घाट शामिल है।
पर्यावरण का रखा गया ध्यान:-
सर्वे में पर्यावरण का नियमों का खास ख्याल रखा गया है और प्राकृतिक संसाधनों को बचाने की भरसक कोशिश की गई है। भौगोलिक महत्व के किसी खास ढांचे को नुकसान नहीं हो इसके लिए कई घाटों को बंद किया गया है। जंगल के एक किमी, किसी पुल के 200 मीटर तक खनन नहीं होगा। स्कूल व अन्य सरकारी इमारतों के आसपास भी खनन नहीं किया जाएगा।
7 नदियों में नए प्रस्तावित बालू घाट:-
सकरी नदी
1. गोविंदपुर घाट 52
2. विनोवा नगर घाट
3. कुम्हार बीघा घाट
4. करनपुर घाट 40
5. लखपतबीघा घाट 80
6. लखमोहना/धनवारा घाट 75
7. कुंज घाट 98.4
8. गोसाई बीघा घाट
9. जमुआवां पटवा सराय घाट 62
10. दूधिया/चिलौंगिया घाट 40.5
11 सुल्तानपुर/बिशुनपुर घाट 55
12. दरियापुर घाट 20
कुल क्षेत्रफल- 812 हेक्टेयर
पंचाने नदी
1. मधुबन घाट 22.6
2. काशी बीघा 25
3. डोहरा बालू घाट 74.1
4. फलडू बालू घाट 40
कुल क्षेत्रफल 161.7 हेक्टेयर
नाटी नदी
1 . लालपुर रेत घाट 6.6
2. मडपो घाट 8.16
3. मधुपुर घाट 12
4. सरौनी घाट 7.38
5. भोरम बाग घाट 22.2
6. खरसारी घाट 25
7. महथपुर घाट 4.7
खुरी नदी
1. ढाब बगमारी 8.2
2. कर्णपुर घाट 9
3. अशवा तरी घाट 18
4. भूपतपुर घाट 4.4
5. बिलासपुर घाट 14.7
6. पिपरा खुर्द घाट 13
7. नाद घाट 10.5
8. मलिकपुर घाट 19.5
9. ननौरी घाट 13
10. लोहडा घाट 15
11. भदोखरा घाट 23
कुल क्षेत्रफल 148.3
तिलैया नदी
1. बहादुरपुर घाट 8.9
2. नवाडीह घाट 4.28
3. मनिहौली 19.3
4. शंख घाट 14
5. मोनी मंडल घाट 10.6
6. परोरिया घाट 6.58
7. जलालपुर घाट 21.9
8. डुमरी घाट 12
9. कहवा बेलदरिया घाट 16
10. बिक्कू रेत घाट 7.3
11. नारदीगंज घाट 2.4
कुल क्षेत्रफल 123.26
धनार्जेय नदी
भभनी रेत घाट 22.3
2 बड़गांव घाट 52
3 दौलतपुर घाट 41.7
कुल क्षेत्रफल 116
ढाढर नदी
1. प्रतापुर बालू घाट 38.8
2.पसई बालू घाट 11.6
कुल 50.4