रवीन्द्र नाथ भैया ।
जिले के उग्रवाद प्रभावित कौआकोल थाना क्षेत्र के करमा गांव में दरोगा यादव हत्याकांड के एक आरोपित दरोगी मांझी का पुत्र बुधन उर्फ धारो मांझी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एक तरह से पुलिस पूरे मामले का राजफाश कर चुकी है।
बुधन व उसके पिता दरोगी मांझी ने ही 27 अक्टूबर की रात दरोगा यादव व कुंदन कुमार को बुरी तरह से मारपीट कर जख्मी कर दिया था। इलाज के क्रम में एम्स पटना में दाराेगा यादव की मौत हुई थी। वहीं कुंदन अब भी इलाजरत है।
29 अक्टूबर को घटना की प्राथमिकी कौआकोल थाने में दारोगा यादव के भाई ओम प्रकाश यादव द्वारा दर्ज कराई गई थी।
केवाली मुखिया रामजी सिंह के अलावा चंदन सिंह, पप्पु सिंह, धारो मांझी सभी ग्राम केवाली और सुनील यादव तथा सुरेश यादव दोनों ग्राम करमा को नामजद किया गया था। पुलिस ने नामजद सुरेश यादव व अप्राथमिकी आरोपित दरोगी मांझी को 30 अक्टूबर को ही गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज चुकी है। वहीं अब एक और नामजद बुधन उर्फ धारो की गिरफ्तारी इस मामले में की गई है।
एसपी ने प्रेस वार्ता में दी जानकारी…!
बुधन की गिरफ्तारी के बाद शनिवार को पुलिस कार्यालय में
एसडीपीओ पकरीबरावां महेश चौधरी और कौआकोल थानाध्यक्ष दीपक कुमार की मौजूदगी में प्रेस वार्ता कर एसपी अभिनव धीमान ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पूरा घटना मछली चोरी विवाद से जुड़ा है। गिरफ्तारी के बाद बुधन ने पूछताछ में बताया कि 27 अक्टूबर की रात गंगा सागर खंधा में मृतक दरोगा यादव अपने एक साथी के साथ उसकी मछली की चोरी कर रहा था। इस दौरान उनलोगों के साथ मारपीट किया था। पिटाई में दरोगा यादव व कुंदन कुमार गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। जिसमें दारोगा यादव की मौत हो गई। जबकि कुंदन का इलाज चल रहा है। एसपी ने बताया कि अबतक पिता-पुत्र दरोगी मांझी व बुधन मांझी तथा सुरेश यादव कुल तीन लोगों की गिफ्तारी हुई है। अन्य की गिरफ्तारी जल्द कर ली जाएगी।
इस मामले का दिलचस्प पहलू ये कि कांड में नामजद किए गए केवाली पंचायत की मुखिया रामजी सिंह के खिलाफ प्रारंभिक जांच में पुलिस को कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
एक सवाल पर एसपी श्रीधीमान ने कहा कि प्रारंभिक जांच में मुखिया के खिलाफ कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है। जांच जारी है, आगे कुछ जो साक्ष्य मिलेगा उस अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।
लोकल लेवल पर हुई राजनीत…!
बता दें कि इस घटना में लोकल लेबल पर राजनीत हो रही थी। मुखिया के लोगों का कहना था कि मुखिया व उनके कुछ लोगों को साजिशन कांड में आरोपित किया गया था। घटना के पीछे के सच को लोग जान रहे थे। मांझी परिवार के लोगों की मछली रात में लगातार चोरी की जा रही थी। नाराज मांझी परिवार ने 27 अक्टूबर की रात मछली चोरी करने पहुंचे लोगों पर खंती व अन्य पारंपरिक हथियार से हमला कर दिया था।
पुलिस अनुसंधान के दौरान गिरफ्तार बुधन ने कमोवेश यही बातें पुलिस को बताई। पूछताछ में उसने जो कुछ भी पुलिस को बताया उसके बाद इस मामले के रहस्य से पर्दा पूरी तरह से उठ गया है।
जानिए प्राथमिकी में क्या है…!
ओम प्रकाश यादव के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में कहा गया था कि घटना के दिन उनका भाई दरोगी यादव और कुंदन कुमार मुखिया रामजी सिंह से मिलने की बात कहकर बाइक से शाम 5 बजे निकला था। देर शाम 7 बजे कुंदन का।मोबाइल स्वीच ऑफ आने लगा। रात में 2 बजे कुंदन का भाई जितेंद्र और कौशल यादव उसके पास आकर बताया कि मुखिया और चंदन सिंह, पप्पु सिंह, धारो मांझी, सुनील यादव तथा सुरेश यादव ने धारदार हथियार से हमला कर दरोगी और कुंदन को घायल कर दिया है। कुंदन लहूलुहान हालत में भागकर आया है, और घटना की जानकारी दी है। सूचना के बाद ओमप्रकाश अपने परिवार के साथ गंगा सागर खंधा में पहुंचे तो दरोगी यादव को घायल अवस्था में पाकर इलाज के लिए सदर अस्पताल नवादा ले गए। जहां से एम्स पटना रेफर किया गया। जहां उनकी मौत हो गई।