
रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले के बुधौल-नवादा शहर को जोड़ने वाली खुरी नदी पर बना जर्जर पुल बड़ी हादसा को आमंत्रण दे रहा है। जर्जर पुल से प्रतिदिन सैकड़ों बड़े छोटे वाहन गुजरते हैं।
यह पथ नवादा शहर से मंगर बीघा होते हुए खूरी पारकर राजमार्ग संख्या 31 को जोड़ती है।
खुरी नदी के उस पार बुधौल बस स्टैंड, डीटीओ कार्यालय, डीआरसीसी कार्यालय एवं उत्पाद अधीक्षक का कार्यालय है।पदाधिकारियों का आना-जाना भी इसी जर्जर पुल से होता है। अब आप समझ सकते हैं कि यह पुल कितना महत्वपूर्ण है। बावजूद यह पुल प्रशासनिक उदासीनता का दंश झेल रहा है।
पुल के समीप जिला प्रशासन द्वारा एक बोर्ड
लगाया गया है, जिस पर लिखा हुआ है कि पुल क्षतिग्रस्त है और वाहनों का आवागमन बंद है।
बावजूद प्रतिदिन वाहनों का आवागमन हो रहा है और जिला प्रशासन के तमाम अधिकारियों की गाड़ी भी इसी जर्जर पुल से गुजरती है।
बताया जा रहा है कि वर्ष 2018 में मंत्री श्रवण कुमार के द्वारा इस पुल का शिलान्यास किया गया तब लोगों में एक उम्मीद जग गई थी कि अब पुल का निर्माण जल्द ही हो जाएगा।लेकिन 3 वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी पुल ज्यों का त्यों है।
अगर यही हाल रहा तो किसी भी समय कोई बड़ी घटना घट सकती है।लगता है कि जिला प्रशासन भी कोई बड़ी हादसा का इंतजार कर रही हैं।
जर्जर पुल से गुजरने वाले राहगीर बताते हैं कि एनएच-31से नवादा शहर की ओर आने-जाने के लिए लोग इसी शॉर्टकट रास्ते का उपयोग करते हैं।पुल पार करने में डर तो लगता है। अगर यह पुल बन जाता तो लोगों को आने-जाने में काफी सहूलियत होती।
ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता मो.अफसर ने बताया कि कोरोना के कारण पुल में काम नहीं लग सका था। बहुत जल्द मिट्टी जांच की जाएगी। 3 से 4 महीने में काम शुरू हो जाएगा और लगभग एक वर्ष में यह पुल बनकर तैयार होगा।