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लोकगायिका नेहा सिंह राठौड़ को यूपी पुलिस द्वारा नोटिस जारी करना अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला है – पश्चिम चम्पारण |

सतेन्द्र पाठक |

बेतिया। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा नेहा सिंह राठौर को उनके गाने यूपी में का बा सीजन-2 के लिए नोटिस जारी करने का भाकपा-माले कड़ा विरोध करता है। यह अभिब्यक्ति की आज़ादी पर हमला है।उक्त बातें भाकपा-माले नेता सह किसान महासभा के राष्ट्रीय पार्षद सुनील कुमार राव ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि नेहा सिंह राठौर अपने गीतों के जरिए जन मुद्दों को उठाती रही हैं और सरकार की गलत नीतियों का विरोध करती रही हैं। इस गीत में कानपुर में बुलडोज़र से घर गिराने और मां-बेटी की मौत पर सवाल उठाया गया है, जो वाजिब सवाल है और सिर्फ कानपुर ही नहीं पूरे देश का भी सवाल है। उन्होंने कहा कि एक कलाकार होने के नाते अपने गीतों के जरिए पुलिस दमन का विरोध करने का लोकगायिका नेहा को अधिकार है। योगी सरकार दमनकारी बुलडोजर राज बंद करे और लोकगायिका पर नहीं बल्कि कानपुर जिले के पुलिस और जिला प्रशासन के विरुद्ध हत्या का मुक़दमा दर्ज कराना चाहिए। माले नेता ने मांग किया कि सरकार यह नोटिस वापस ले और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बंद करे। भाजपा सरकार ने BBC पर भी छापामारी करा अभिव्यक्ति की आज़ादी पर रोक की प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि वही भाजपा बिहार को लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की कत्लगाह बनाने के लिए बिहार की सत्ता हड़पने की तिकड़म में लगी है, लेकिन बिहार की जनता भाजपा को सत्ता से बाहर कर महागठबंधन के नेतृत्व में देश से भाजपा की विदाई की तैयारी में जुट गइ है। इसकी शुरुआत भाकपा-माले के पटना में आयोजित सफल लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ रैली से हुई है। वही 25 फरवरी को पुर्णिया में महागठबंधन की रैली भी ऐतिहासिक बनाने की तैयारी चल रही है।

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