मृगशिरा नक्षत्र के पहले चरण खत्म होने पर भी नहीं हो रही बारिश, किसान निराश – नवादा |
आसमान से बरस रहे आग के गोले, कृषि वैज्ञानिकों के सभी दावे फेल

रवीन्द्र नाथ भैया |
मृगशिरा नक्षत्र के पहले चरण समापन के बाद भी बारिश की बजाय आसमान से आग के गोले बरसने से किसान परैशान है। कृषि वैज्ञानिकों के समय से पूर्व मानसून आने के दावे फेल हो चुके हैं किसानों में इसको लेकर घोर निराशा है।
किसानों को अब यह डर सताने लगा है कि कहीं उम्मीदों के प्रतिकूल कुछ ऐसा मौसम इस बार न हो जाए कि सारी सोच धरी की धरी रह जाए। खेती-किसानी को लेकर लगातार तत्पर दिख रहे किसानों ने मौसम के इस हाल पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि अब सब कुछ मानसून के आने पर ही निर्भर करता है।
किसानों में दिख रही है भारी निराशा:- जिले के किसान इंद्रदेव प्रसाद, ईश्वरी प्रसाद, अर्जुन सिंह, मोसाफिर कुशवाहा, मनोज कुशवाहा, जागेश्वर सिंह आदि ने कहा कि बिचड़ा लगाने की तैयारी पूरी तरह से बाधित हो रही है। हालांकि जिले में जीरो टिलेज के लिए परिस्थितियां अनुकूल रहने से सीधी धान की बुआई का काम बारिश के अभाव के बीच चल रहा है। लेकिन ऐसा सिर्फ वही किसान कर पा रहे हैं, जिनके खेत उथले व सिंचाई विहीन क्षेत्र में हैं। शेष बहुसंख्य किसान अभी बिचड़ा लगा पाने के लिए उहापोह की स्थिति में हैं।
धान के बिचड़े नहीं बो सके हैं किसान :-. जिले के विभिन्न इलाके में रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने के बाद भी उमसभरी गर्मी बरकरार है और लोगबाग काफी परेशान हैं। 25 मई से शुरू हो कर बीते 08 जून तक रोहिणी नक्षत्र रहा जबकि अब मृगशिरा नक्षत्र भी आ चुका है लेकिन बारिश बिल्कुल नदारद है। धान के बिचड़े बोने का सबसे सही समय यही है, इस कारण किसानों की बेचैनी समय बीतते जाने से बढ़ती जा रही है।
किसानों को यह भय सताने लगा है कि जहां गत वर्ष 76 हजार हेक्टेयर लक्ष्य के विरुद्ध 78 हजार हेक्टेयर में धान का आच्छादन हो सका था लेकिन इस बार 79 हजार हेक्टेयर के बढ़े लक्ष्य के विरुद्ध कहीं आच्छादन इससे कम ही न रह जाए। किसान तो किसान अब आम जन भी बारिश की चाहत रखते हैं ताकि मौसम की बेरूखी से राहत मिल सके।
गर्मी से जनजीवन अस्त-व्यस्त, बिजली दे रही है दगा:- पड़ रही प्रचंड गर्मी से पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो कर रह गया है। लोग गर्मी से निजात पाने के लिए पेड़ों का सहारा लेने को बाध्य हैं। सुबह से ही बरस रहे आग के गोले ने लोगों का जीना हराम कर दिया है। लोग तेज धूप व गर्मी के कारण सुबह के 8 बजे से ही अपने घरों में दुबकने को विवश हो जा रहे हैं।
दूसरी तरफ इन दिनों लोगों को बिजली भी खूब दगा दे रही है। एक तरफ लोग प्रचंड गर्मी से परेशान हैं तो दूसरी तरफ बिजली की आंख मिचौनी भी उन्हें खूब छकाने का काम कर रही है। लोग बताते हैं कि 40 वर्षों के बाद इस कदर की गर्मी देखने को मिली है। प्रचंड गर्मी के कारण जंगल से लेकर देहात तक के सभी जलस्रोत सूख चुके हैं। पानी के लिए जंगली तथा देहाती पशु पक्षी यत्र-तत्र भटकते नजर आ रहे हैं।
जिले के लोगों ने डीएम का ध्यान आकृष्ट कराते हुए बिजली की आपूर्ति में सुधार कराए जाने की मांग की है। ताकि लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिल सके।