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बिस्कोमान भवन में यूरिया के लिए किसानों की लगी रही लम्बी कतार –  नवादा |

उवर्रक वितरण में गड़बड़ी पर बिस्कोमान एजीएम पर भड़के सदर एसडीओ

जिले में धान में सुखाड़ के बाद रबी फसल गेहूं में किसानों की जब उम्मीदें जगी तो उर्वरक की समस्या ने परेशानी खड़ी कर दी। जिसको लेकर नवादा बिस्कोमान भवन में उर्वरक लेने आये किसानों ने जमकर बवाल मचाया। समय से पूर्व विभागीय स्तर पर उर्वरक की आपूर्ति नहीं होने से किसानों को गेहूं की बुआई में परेशानी होने लगी है। ऐसे में किसान यूरिया और डीएपी के लिए भाग-दौड़ लगा रहे हैं। जिला मुख्यालय में बिस्कोमान द्वारा सरकारी दर पर वितरण किये जाने वाले उर्वरक लेने के लिए सैंकड़ों की संख्या में मंगलवार को महिला व पुरूष किसान जुटे रहे। इस दौरान आपूर्ति में गड़बड़ी होने के बाद किसान उग्र हो गये और वितरण खिड़की पर रोड़े व लाठी-डंडा बरसाना शुरू कर दिया। किसानों को उग्र होता देख वितरण कार्य में लगे कर्मचारी अंदर से खिड़की और दरवाजा को बंद कर लिया।
घटना की सूचना जिला कृषि पदाधिकारी संतोष कुमार सुमन को दिया गया, जिसके बाद जिला कृषि पदाधिकारी ने सदर एसडीओ उमेश कुमार भारती सहित नगर थाना पुलिस के साथ बिस्कोमान पहुंचकर उग्र किसानों को शांत कराया।
सदर एसडीओ ने बिस्कोमान के एजीएम सौरभ कुमार की शिथिलता पर जमकर क्लास लगाते हुए उसे स्थानांतरित करने की बात विभाग से किया। उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को अलग से महिला काउंटर लगवाने की बात कही।
इस दौरान सदर एसडीओ ने बिस्कोमान के सचिव से मोबाइल पर वार्ता करते हुए यहां तैनात एजीएम सौरभ कुमार के रवैया से उत्पन्न विधि-व्यवस्था की शिकायत किया। एक नई महिला ऑपरेटर की प्रतिनियुक्ति होने के बाद उसे अविम्ब महिला काउंटर बनाकर महिला किसानों के लिए अलग सुविधा देने की बात जिला कृषि पदाधिकारी से कहा। साथ ही किसानों को जरूरत के अनुसार शांति पूर्वक उर्वरक की आपूर्ति कराये जाने का आश्वासन दिया।
जिला कृषि पदाधिकारी श्री सुमन ने बताया कि उर्वरक वितरण को शांतिपूर्ण कराने के लिए सदर प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार के साथ कई कृषि समन्वयक व सलाहकारों को निगरानी के लिए लगाया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में यूरिया की कमी है, लेकिन नवम्बर माह का कोटा आना बाकी है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले को दो हजार एमटी यूरिया तथा एक से डेढ़ हजार एमटी डीएपी की जरूरत है। उन्होंने बताया कि उर्वरक लेने के समय किसान अपना धैर्य खो देते हैं, जिसके कारण अफरा-तफरी का माहौल कायम हो जा रहा है।
जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि प्रति आधार कार्ड पर दो बोरा यूरिया दिया जा रहा है। यदि किसानों को अधिक यूरिया की जरूरत होती है तो उनसे जमीन के कागजात की कॉपी ली जाती है।
कहते हैं किसान:-
खाद के लिए लाईन में घंटों से लगे हैं, सुबह से शाम हो गया है अभी तक खाद नहीं मिला है। इसका सबसे बड़ा कारण है प्रशासन की व्यवस्था सही नहीं है। सुबह से लाईन में लगे रहने के दौरान काफी परेशानी झेलना पड़ा, रोड़ेबाजी का भी सामना करना पड़ा है। – रौशन कुमार
बुजुर्ग किसानों के लिए कोई अलग व्यवस्था नहीं है, भीड़ में हम जैसे बुजुर्ग किसानों को धक्का-मुक्की का सामना करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में खाद लेना हमारे बस की बात नहीं है। -रामवृक्ष यादव, तेतरिया
खाद के लिए इतना परेशानी है कि हमें 20 बोरा खाद की जरूरत है और दो बोरा ही खाद मिल रहा है, सिरदला प्रखंड के हाजीढ़ाब से खाद लेने आये हैं, 20-25 किलोमीटर दूरी से खाद लेने आना काफी कठिन हो गया है।

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