
रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले के लोगों के लिए खुशखबरी है. अब नगर में चलेंगे इआरएसएस व जीपीएस से लैश 6 पुलिस वैन |
इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम के तर्ज पर 18 टीमें:-आप नवादा शहर में हैं और कोई मुसीबत में फंसे हैं तो दिल्ली मुंबई की तर्ज पर सिर्फ 112 डायल करें और अगले 15 से 20 मिनट में पुलिस आपके पास हाजिर रहेगी। पुलिस जीपीएस और आपके मोबाइल लोकेशन से आपको खोज कर आप तक पहुंचेगी। इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम के तहत काम करने वाली ये पुलिस टीमें विशेष इमरजेंसी रिस्पांस वाहन से लैस होगी।
नवादा पुलिस को आधुनिक फीचर वाले 6 नए इमरजेंसी रिस्पांस वाहन हस्तगत हो गए है। जल्द ही यह पुलिस वैन शहर की सड़कों पर दौड़ती नजर आएगी।
फिलहाल इसका ट्रायल हो रहा है और वाहन चालकों को इस वाहन में दिये गये तकनीक के इस्तेमाल के लिए ट्रैनिंग दिया जा रहा है। बताया जाता है कि इन वाहनों के फंक्शनल हो जाने से पुलिस को तुरंत रिस्पांस लेने में मदद मिलेगी। इससे घटना के बाद पुलिस के विलंब से पहुंचने की शिकवा व शिकायत अब लोगों को नहीं रहेगी।
पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव मंगला ने बताया कि इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम (इआएसएस) प्रोजेक्ट के तहत डायल 112 के लिए 6 वाहन और चालक जिला पुलिस को मिली है।
नगर थाना में होगा कंट्रोल रूम:-
एसपी डॉ गौरव मंगला ने बताया कि पुलिस मुख्यालय से यह सिस्टम ऑपरेट होगा। जबकि नगर थाना में जिला कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिसका नोडल अधिकारी हेड क्वार्टर डीएसपी को बनाया गया है। डायल 112 नंबर वाले पुलिस क्विक रिस्पांस टीम के वाहन पर तीन शिफ्ट में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी रहेगी। इसमें एक पुलिस पदाधिकारी, दो से चार की संख्या में पुलिस के जवान बारी-बारी से ड्यूटी करेंगे। इस वाहन पर जिन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जायेगी। वैसे पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इस वाहन पर वैसे पुलिसकर्मियों को तैनात किया जायेगा जो तकनीकी मामले में दक्ष होंगे।
ऐसे काम करेगी पुलिस क्विक रिस्पांस टीम:-
अगर कोई भी व्यक्ति 112 डॉयल करता है तो वह सीधे पटना में बने कंट्रोल यूनिट में अटेंड होगा। जहां से तत्काल नाम, पता, मोबाइल नंबर के साथ जिला मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराया जायेगा। जहां से इमरजेंसी रिस्पांस वाहन में बैठे पुलिसकर्मियों को पूरा नाम-पता के साथ लोकेशन मिल जायेगा। जो तत्काल पीडित के मदद को पहुंचेगी।
अभी पुलिस के लिए 100, एम्बुलेंस के लिए 108 और आग लगने पर फायरबिग्रेड की मदद के लिए 101 नम्बर डायल करना पड़ता है। लेकिन अब इन आपातकालीन सेवाओं के लिए सिर्फ 112 नम्बर ही डॉयल करना होगा। यह व्यवस्था काफी हाईटेक है। ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से इसे जोड़ा गया है। इससे फोन करनेवाले का लोकेशन भी उसके कॉल के साथ कमांड सेंटर को मिल जायेगा इससे रिस्पांस टाइम कम लगेगा।