
रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले के वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र के कुटरी गांव में शुक्रवार को 03 जून से मां काली की पुन: प्रतिष्ठा को लेकर शुरू होने वाला शत चंडी महायज्ञ की तैयारी अंतिम चरण में है।
कलश यात्रा के साथ शुरू होने वाले महायज्ञ के दौरान नवनिर्मित भव्य मन्दिर में मां काली की पुन: प्रतिष्ठा हवन आदि के साथ 11 जून को सम्पन्न होगी। कार्यक्रम के दौरान जहां 1008 दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाएगा। वहीं अयोध्या के संत प्रभंजनानन्द शरण जी महाराज के द्वारा प्रत्येक संध्या संगीतमय प्रवचन एवं कथा आयोजित होगी। नौ दिवसीय कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्रामीणों के साथ आसपास के लोग तन मन से रात दिन जुटे हुए हैं।
डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई मन्दिर:-
सैकड़ों वर्ष पूर्व बनी पुरानी मां दक्षिणी काली मन्दिर को भव्य व आकर्षक मन्दिर निर्माण को ले ग्रामीणों ने निर्णय लिया। जिसे डेढ़ करोड़ रुपये की सामूहिक सहयोग बाद तीन साल में भव्य रूप दिया गया। अब जब कुटरी गांव की दक्षिणी काली मंदिर का इतिहास काफी पुराना है।
मन्दिर निर्माण समिति के सचिव राम लखन शर्मा बताते हैं कि करीब पांच सौ वर्ष पूर्व गांव के दक्षिणी क्षोर पर काले पत्थर की करीब डेढ़ फिट ऊंची मां काली की मूर्ति स्वत: प्रगट हुई थी। जिसे ग्रामीणों ने दक्षिणी काली के रूप में स्थापित कर पूजा अर्चना करने लगे जो आज भी कायम है। ग्रामीण बताते हैं कि गांव का कोई भी शुभ कार्य मां के चौखट पर माथा टेकने के बाद ही शुरू किया जाता है।
कुटरी की काली मैया की तुलना कोलकाता की दक्षणेश्वरी काली माता से की जाती है।