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कोचिंग संचालकों पर कसने लगा शिकंजा – नवादा |

छापेमारी के बाद मचा हड़कंप

जिले के कोचिंग संचालकों पर बिक्री कर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इस क्रम में छापामारी आरंभ किये जाने से संचालकों में हड़कंप मचा है.
20 लाख का सालाना कारोबार करने वाले कोचिंग संस्थान जीएसटी के दायरे में हैं और उन्हें जीएसटी चुकानी पड़ेगी. लेकिन जिले के एक भी कोचिंग संस्थान जीएसटी नहीं चुका रहे हैं. अकेले जिला मुख्यालय में चलने वाले करीब 2 दर्जन ऐसे कोचिंग संस्थान सेल टैक्स की रडार पर है जिनके यहां 20 लाख से अधिक का ट्रांजेक्शन होता है, लेकिन जीएसटी जमा नहीं हो रहा है. सेल टैक्स के नवादा सर्किल की टीम ने कार्रवाई शुरू कर दी है और शहर के बहुचर्चित आकाश बैंकिंग कोचिंग में छापेमारी की.
छापेमारी के दौरान कोचिंग के छात्र- छात्राओं का नामांकन समेत अन्य अभिलेखों की जांच पड़ताल आरंभ की है . मनीष कुमार गुप्ता की अगुवाई वाली सेल टैक्स की टीम ने कोचिंग संचालक से छात्रों का ब्यौरा तलब कर आवश्यक पूछताछ की.फिलहाल अभी कार्रवाई चल रही है.
राज्यकर आयुक्त ने बताया कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स के अंतर्गत कोचिंग संस्थानों को भी टैक्स भुगतान करना है लेकिन जिले में अब तक किसी भी कोचिंग संस्थान के द्वारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है और ना ही टैक्स का भुगतान किया जा रहा है। इस दौरान सेल टैक्स की टीम में मनीष कुमार गुप्ता ,ज्योत्सना भारती ,अंशु कुमार शामिल हैं.
शुरुआती जांच में मिल रही गड़बड़ी:-
मनीष कुमार गुप्ता ने बताया कि 20 लाख से अधिक ट्रांजेक्शन वाले कोचिंग संस्थान जीएसटी के दायरे में है.इसी को लेकर कार्रवाई शुरू की गई है.आकाश बैंकिंग में छापेमारी कर जांच पड़ताल की गई है. शुरुआत जांच में यह बात सामने आयी है कि कोचिंग संस्थान छात्रों से पैसा लेकर सेवा मुहैया करवाती है, लेकिन इसके एवज में किसी तरह की जीएसटी जमा नहीं करती है.जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि कितने की गड़बड़ी हुई है. अब तक की जांच में यह गड़बड़ी लाखों में है.कोचिंग संस्थान से कागजात लिए गए हैं और मामले की जांच की जा रही है. जीएसटी की कार्रवाई के बाद अन्य कोचिंग संस्थान भी रडार में हैं
सूत्रों की मानें तो जीएसटी टीम को सूचना मिल रही थी कि उक्त कोचिंग संस्थान में जीएसटी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं है और बिना टैक्स चुकाए लाखों का कारोबार किया जा रहा है. संस्थान में छात्रों की संख्या अधिक होने के बाद उन्हें कम दिखाए जाने की आशंका है.
कोचिंग और विभाग दोनों की लापरवाही:-
सेवा देने के बदले 20 लाख रुपया एनुअल से अधिक इनकम करने वाले कोचिंग संस्थानो को हर हाल में जीएसटी चुकाना है लेकिन जिले में ऐसा नहीं हो रहा है. कई कोचिंग और ट्यूशन संस्थानों की आमदनी सालाना 20 लाख से अधिक है लेकिन एक भी रुपया टैक्स पे नहीं कर रहे हैं. विभागीय अफसरों ने इन सभी का जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया है.
बता दें कि जिले में छोटे बड़े सैकड़ों कोचिंग संस्थान खुले हैं.जीएसटी चुकाना तो दूर इनके पास कोचिंग संस्थान चलाने के लिए सबसे जरूरी शिक्षा विभाग का रजिस्ट्रेशन भी नहीं है.कुछ कोचिंग लापरवाही दिखा रहे हैं तो कुछ लापरवाही विभाग की भी है. वर्षों पहले रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिए गए लेकिन उन्हें रजिस्ट्रेशन नहीं मिला. बिना रजिस्ट्रेशन के कोचिंग संचालन होने के कारण कोचिंग संस्थानों पर प्रशासन का कोई नकेल नहीं है, लिहाजा आए दिन कोचिंग संस्थानों में गड़बड़ियां और घटनाएं सामने आती रहती है.पिछले दिनों जिला प्रशासन ने एक साथ सैकड़ों कोचिंग को बंद करने का आदेश दिया था तब खलबली मची थी लेकिन मामला फिर ठंडा पड़ गया.

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