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अनाथालय पहुँच कर पेश की इंसानियत की मिसाल – प्रतापगढ़ ।

अनाथ बच्चों के लिए दी आवश्यक सामग्री ,  अनाथ बच्चों के लिए यथासंभव करुंगा मदद- अनिल प्रताप त्रिपाठी

रवि रंजन ।
प्रतापगढ़। शुकुलपुर सदर स्थित बाबा राम उदित सेवा संस्थान द्वारा संचालित अनाथ/परित्यक्त बच्चों के लिए बनाए गए आश्रय स्थल (अनाथालय) में शनिवार को साहित्यकार अधिवक्ता एवं प्रबंधक अनिल प्रताप त्रिपाठी ने पहुंचकर मानवता की एक अनूठी मिसाल पेश की। संस्थान पहुँच कर त्रिपाठी ने बच्चों के लालन-पालन की व्यवस्थाओं को देखते हुए संस्थान द्वारा चलाए जा रहे इस नेक मुहिम की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आवश्यक सामग्री प्रदान किया। अनिल प्रताप त्रिपाठी ने संस्थान को आश्वस्त करते हुए कहा कि आप अपने आपको अकेला न समझें आज से इस संस्थान में पलने वाला कोई भी बच्चा अनाथ नहीं रहेगा। इसमें हमसे जो भी सहयोग हो सकेगा हम वह निश्चित रूप से समय-समय पर करते रहेंगे। श्री त्रिपाठी का सहयोग समाज को एक सकारात्मक संदेश देता और दर्शाता है कि किस तरह संवेदनशील नागरिक समाज के वंचित वर्गों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह संस्थान लंबे समय से अनाथ और परित्यक्त बच्चों को आश्रय और शिक्षा प्रदान कर रहा है। श्री त्रिपाठी का सहयोग इस संस्थान के प्रयासों को एक नई गति और संबल प्रदान करेगा।
इस अवसर पर सांय 4 बजे शहर में स्थित होटल सिद्धार्थ में काव्य संध्या का भी आयोजन किया गया ।
काव्य संध्या की शुरुआत कवियत्री मीरा तिवारी की वाणी वंदना से हुई ।
और उन्होंने पढ़ा “साथ जबसे मिला तुम्हारा है,हमने सबसे किया किनारा है,वहीं गजेंद्र सिंह “विकट”ने पढ़ा “मुबारक हो तुमको जनम दिन तुम्हारा
सदा फूल सा मुस्कुराते रहो,युवा कवयित्री चाँदनी दुबे ने भी पढ़ा “एक दिन कुछ यूँ तेरे दिल में उतर जाऊँगी मैं
आईने की तरह टूटूँगी और बिखर जाऊँगी मैं और इसी क्रम में कार्यक्रम के संयोजक रहे नियाज़ हसन प्रतापगढ़ी ने भी पढ़ा,”आप का जन्म दिन मनाने को,चाँद तारे फ़लक से आये हैं ।
इसी बीच आये हुए तमाम कवियों ने अपनी -अपनी रचना के माध्यम से अनिल प्रताप त्रिपाठी को जन्म दिवस की शुभकामनाएँ दीं ।
इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रहीं डॉक्टर शाहिदा ख़ान एवं विशिष्ट अतिथि रहे ई.चंद्रकांत त्रिपाठी “शाश्वत” , समापन अधिक रहे मशहूर व्यापारी एवंसमाजसेवी श्याम शंकर द्विवेदी ने श्री त्रिपाठी को बुके देकर शुभकामनाएं दीं ।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार राजमूर्ति सिंह “सौरभ “एवं संचालन सुरेश नारायण दुबे “व्योम” ने किया ।
इस मौक़े पर संगम लाल त्रिपाठी “भंवर परवाना प्रतापगढ़ी,राज नारायण शुक्ल “राजन” प्रेम कुमार त्रिपाठी,आलम आज़ाद,हमदम प्रतापगढ़ी,कल्पना तिवारी,संजय द्विवेदी,राजेश कुमार मिश्र,राजकुमार,रिजवान,राम केवल पुष्पाकार आदि मौजूद रहे ।
कार्यक्रम के आयोजक रहे अखिल नारायण सिंह “अकेला”संयोजक नियाज़ हसन प्रतापगढ़ी ने श्री अनिल प्रताप त्रिपाठी “प्रवात”को माला,बुके,अंग वस्त्र पहनाकर सम्मानित किया ।
श्री अनिल से आये हुए तमाम कवियों और मेहमानों का आभार व्यक्त किया ।

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