
रवि रंजन |
एक परिवार-एक टिकट से सॉफ्ट हिंदुत्व तक; सोनिया राज में चौथी बार चिंतन से संजीवनी की आस जागी है |
22 राज्यों की विधानसभा और 2 लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद उदयपुर में कांग्रेस पार्टी का चिंतन जारी है.यह पहला मौका नहीं है, जब कांग्रेस चिंतन शिविर का आयोजन कर रही है.सोनिया गांधी के रहते कांग्रेसियों के लिए चौथी बार चिंतन के लिए शिविर लगाया गया है.शिविर में वन फैमिली, वन टिकट का फॉर्मूला लागू करने की घोषणा की गई है.इसके अलावा प्रदेश अध्यक्षों और जिलाध्यक्षों का टर्म भी फिक्स्ड किया जाएगा.अनुशासन को लेकर भी सख्त फैसले लिए जाएंगे |
तीन दिवसीय ‘नव संकल्प’ चिंतन शिविर की शुरुआत करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दो टूक कहा कि संगठन के सामने अभूतपूर्व स्थिति है. हमें सुधारों और रणनीति में बदलाव की सख्त जरूरत है. उन्होंने कहा कि असाधारण परिस्थितियों का सामना असाधारण तरीके से ही किया जा सकता है. सोनिया गांधी ने अल्पसंख्यकों पर हमले का मुद्दा उठाते हुए जहां एक तरफ पीएम मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा तो वहीं बीजेपी पर देश में नफरत का महौल बनाने का आरोप भी लगाया.
कांग्रेस चिंतन शिविर में प्रस्ताव – चुनावों के दौरान धार्मिक स्थलों में ना जाएं पार्टी के बड़े नेता
राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर जारी है. जिसमें पार्टी के तमाम बड़े और छोटे नेता हिस्सा ले रहे हैं. अब इस शिविर में मांग की गई है कि चुनावों के वक्त पार्टी नेतृत्व मंदिर,मस्जिद, चर्च या दूसरे धार्मिक स्थलों में ना घूमें.चिंतन शिविर में मौजूद कुछ सदस्यों ने ये प्रस्ताव रखते हुए कहा है कि ऐसा करने से कांग्रेस के वोटर भ्रमित होते हैं और इससे सही संदेश नहीं जाता.
यही नहीं, इस प्रस्ताव में इस बात पर भी जोर दिया गया कि कांग्रेस को बीजेपी के सामने एक मजबूत धर्मनिरपेक्ष स्टैंड लेना चाहिए. बता दें कि बीजेपी के धार्मिक राजनीतिक रुख को देखते हुए पिछले कुछ सालों में हुए चुनावों में अक्सर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अलग-अलग धार्मिक स्थलों पर जाकर दर्शन करते देखा गया है. माना जाता है कि इसके पीछे कांग्रेस की सोची समझी रणनीति थी, लेकिन चुनाव नतीजों पर नजर डालें तो कांग्रेस को इसका कोई फायदा नहीं हुआ.
हिंदुत्व’ की काट के लिए कांग्रेस का बड़ा दांव’, पार्टी में अल्पसंख्यक समेत पिछड़े वर्गों को आरक्षण का वादा किया गया है |
बीजेपी के “हिंदुत्व” की काट के लिए कांग्रेस समाजिक न्याय को लेकर बड़ा दांव चलने जा रही है. कांग्रेस अपने संगठन में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने जा रही है. सीडब्ल्यूसी की मुहर के बाद उदयपुर चिंतन शिविर में इसका आधिकारिक एलान किया जाएगा. इसके साथ ही कांग्रेस निजी क्षेत्र में आरक्षण, संसद और विधानसभाओं में ओबीसी आरक्षण और महिला आरक्षण में जाति आधारित कोटा की मांग करने जा रही है. कांग्रेस ने जाति आधारित जनगणना की मांग भी की है.