जागरूकता को लेकर गीत-संगीत और नृत्य के माध्यम से नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया गया – नवादा |
’कमे उमरिया में जीवन हमर बचईह ए पापा जी । - जब तक अठरह बरस न होई ,तब तक शादी रचईह न पापा जी ’’ ।।

रवीन्द्र नाथ भैया |
श्रीमती उदिता सिंह जिला पदाधिकारी के आदेश के आलोक में आज अकबरपुर प्रखंड के फरहा चमरटोली, रेलवे कॉलनी राजा देवर और चौधरी टोला में गीत-संगीत और नृत्य के माध्यम से नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन ग्रामीण गौरव विकास दूत के द्वारा किया गया। नुक्कड़ नाटक में बाल विवाह, दहेज प्रथा, नशामुक्ति उन्मूलन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के महत्वकांक्षी और जन कल्याणकारी योजनाओं को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्थानीय नागरिकों को बताया गया। आज तीनों कार्यक्रम स्थल पर महिला, पुरूष और बच्चों की भीड़ उमड़ पड़ी।
नाटक के माध्यम से बताया गया कि एक बालिका की शादी 14 वर्ष की उम्र में कर दी जाती है। एक साल के बाद वह गर्भवती हो जाती है, लेकिन डॉक्टरों के अथक प्रयास के बावजूद नवजात बच्ची बच जाती है, लेकिन उसकी मॉ को बचाया नहीं जा सका।
इस अवसर पर डीपीआरओ ने कहा कि इस नाटक के माध्यम से संदेश दिया गया कि अपने बेटियां की शादी छोटी उम्र में न कर 18 वर्ष के बाद ही करें। बाल विवाह करने से लड़कियों को सही ढ़ंग से मानसिक और शारीरिक विकास नहीं हो पाता है। खेलने-कूदने की उम्र में शादी कर दी जाती है जिससे वह पढ़ भी नहीं पाती है और एकाएक घर की जिम्मेवारियां सर पर आ जाती है। बाल विवाह, दहेज प्रथा, समाजिक कुरीतियां हैं जो बच्चियों को न सिर्फ समान अवसर प्रदान करने की दिशा में बाधक बन रही है बल्कि उनके शारीरिक और मानसिक विकास को भी प्रतिकूल ढ़ंग से प्रभावित करता है।
बाल विवाह और उसके बाद कम उम्र में गर्भ धारण लड़कियों की समस्याओं को कई गुणा बढ़ा देता है। ऐसी माताएं अस्वस्थ्य और कम विकसित बच्चे को जन्म देती है जो आगे चलकर बच्चे बौनेपन और मंद बुद्धि के शिकार हो जाते हैं।
नुक्कड़ नाटक प्रदर्शन में नाटक के लीडर विनोद कुमार सिंह, संतोष कुमार, विक्की, राजकुमार, रंजीत, मुन्नी कुमारी, सपना, निक्की, शंकर पाण्डेय आदि कलाकारों ने भाग लिया।