
रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले के बिहार- झ़ारखंड सीमा पर उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड क्षेत्र के चितरकोली पंचायत अंतर्गत समेकित जांच चौकी पर इंट्री का धंधा परवान पर है।राष्ट्रीय राजमार्ग 31 को बदल कर 20 किया गया है।इस पर इन दिनों इंट्री के काले धंधे में शामिल लोग चांदी काट रहे हैं।
रोजाना जांच चौकी से हजारों ट्रकों का आवागमन होता है।कहने को तो अधिकारी लगातार कार्रवाई करते हैं,पर सच यह भी है कि महीने में कभी कभार ही कार्रवाई होती है।
रजौली जांच चौकी पर बड़े आराम से इंट्री माफिया अपने गोरखधंधे को अंजाम देते हैं। काले कारनामे से राजस्व को भारी चूना लगाने का खेल जारी है।आखिर कैसे बेखौफ इंट्री माफिया अपना जलवा नेशनल हाईवे पर कायम रखे हुए हैं और इन्हें किनका संरक्षण प्राप्त है,यह जांच का विषय है।
सूत्रों कि माने तो इंट्री माफियाओं की सांठगांठ अधिकारियों व उनके चालकों से होता है जो इनके लिए जासूसी का काम करते हैं।कब निकलना होता है या कब नहीं यह उनके द्वारा बताए गए समय के अनुसार हीं ट्रकों को निकाला जाता है।इसके अलावा जांच चौकी पर तैनात गृहरक्षकों के द्वारा वाहनों से दिन दहाड़े ओभरलोड ट्रकों से पैसा लेकर बिहार में आसानी से प्रवेश करा दे रहे हैं।इनसे अगर पूछताछ की जाए तो सभी माफियाओं के नामों का खुलासा आसानी से हो सकता है।
गृहरक्षक जवान जांच चौकी पर तैनाती के लिए लिए हमेशा लालायित रहते हैं।क्योंकि यहां काली कमाई भरपूर रूप से होती है।
क्या है इंट्री खेल का राज:-
पिछले कई वर्षों में इंट्री का खेल बंगाल एवं झारखंड के रास्ते बिहार में प्रवेश करने वाले वैसे ट्रकों की होती है।जिसमें सामान आदि लदा होता है।उन्हें सुरक्षित तरीके से जिले से बाहर या गंतव्य तक जाने के लिए शुल्क तय कर दी गई है।जब तक इंट्री के धंधे में शामिल लोगों के द्वारा चालकों से राशि वसूल नहीं कर ली जाती तब तक उस ट्रक को इंट्री नहीं मिलती है।अगर जोर जबरदस्ती कर ट्रक चालक चल भी देता है,तो किसी न किसी बहाने उसको पकड़वा दिया जाता है।इसके बाद ओवरलोड या फिर कागजातों में कमी आदि के नाम पर कार्रवाई की जद में आकर ट्रक मालिक को नुकसान झेलना पड़ता है।वसूली गई रूपये में पदाधिकारियों व उनके चमचों में वितरण किया जाता है।जिसे माफिया इंट्री का नाम देते हैं।यही कारण है कि मजबूर ट्रक चालकों को समझौता करना पड़ता है।
इंट्री वालों के द्वारा निर्माण सामग्री वाले वाहनों से भी मोटी रकम वसूल जाती है
निर्माण सामग्रियों को ढोने वाले ज्यादा निशाने पर रहते हैं.
इलाके में भवन, सड़क, पुल पुलिया आदि के निर्माण सामग्री ढोने वाले ट्रक को एंट्री दिलाने में दिन-रात दलाल सक्रिय रहते हैं।सैकड़ों ट्रकों पर आए दिन गिट्टी आदि समान लदे बिहार में बेरोकटोक सड़कों पर प्रवेश इनके द्वारा कराया जाता है।उनसे मोटा उगाही कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने कख कार्य जारी है इससे सरकारी राजस्व का चुना लग रहा है।
दिबौर से रजौली जांच चौकी तक भरे हैं इंट्री माफिया:-
बंगाल झारखंड से आने वाली ट्रकों का झारखंड सीमा समाप्त होते ही बिहार के दिबौर घाटी से प्रवेश करते हीं इंट्री वालों के साठ-गांठ का एक नेटवर्क तैयार किया गया है।जिसके मार्फत एंट्री का खुलेआम खेल खेला जाता है। एंट्री माफिया चितरकोली गांव व दीबौर के लोकल होते हैं।सूत्रों की मानें तो इस काले धंधे में सफेदपोशों के सांठगांठ से इंट्री माफिया बड़े ही सुनियोजित तरीके से इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं।
विश्वनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय दर्जनों लोग वाहन इंट्री के इस गोरखधंधे में शामिल हैं।इनलोगों के सहयोग से इंट्री माफिया नवादा में बैठकर समेकित जांच चौकी रजौली को चला रहे हैं।इनमें मुख्य रूप से गोल्डन,मुकेश यादव,शंकर पाण्डे,माजिद खान,जितेन्द्र कुमार,मुन्ना यादव,बिरेन्द्र कुमार, छोटका समेत दर्जनों इंट्री माफिया सक्रिय हैं।
पूर्व में जांच चौकी से दलालों के द्वारा जब्त गाड़ियों को मारपीट कर जबरन गया था छुड़ाया:-
जांच चौकी पर पूर्व में आरटीओ ललित दूबे के द्वारा गिट्टी लोड ट्रक एवं हाइवा ट्रक को जब्त किया था।जिसे जबरन वाहन इंट्री करने वाले दलालों ने चालक को मारपीट कर छूड़ा लिया था।दूसरी बार भी गिट्टी लोड हाईवा ट्रक को जब्त किया गया था।जिसे इंट्री माफिया मस्तानगंज निवासी अरूण कुमार के द्वारा गुर्गों के सहयोग से जबरन धक्का मुक्की कर छुड़ा लिया गया था।जिसके बाद थाने में तात्कालिक आरटीओ ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी।इस मामले में तथाकथित अरूण कुमार व स्थानीय कई इंट्री माफिया को जेल की हवा खानी पड़ी थी।बावजूद इंट्री के खेल में लगाम लगने के वजाय विस्तार हो रहा है।पदाधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।
कहते हैं अधिकारी:-
इस बाबत जिला परिवहन पदाधिकारी अनुराग कौशल सिंह ने माफियाओं की सक्रियता को नकार दिया।साथ ही कहा कि मेरे सामने इस प्रकार की कोई घटना घटित नहीं होती है। जब भी जांच चौकी का औचक निरीक्षण किया गया तब गढ़दिबौर स्थित बिहार झारखंड बॉर्डर तक रहे ओवरलोड वाहनों को कांटा करवाकर उनसे जुर्माने की राशि वसूल की गई।
उन्होंने बताया कि हमारे प्रयास से जांच चौकी पर राजस्व की डेढ़ गुना वृद्धि हुई है।साथ ही कहा कि यदि इंट्री माफिया सक्रिय हैं तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।