जिले में नहीं थम रहा बालू चोरी का धंधा – नवादा |
बालू खनन शुरू होने की संभावनाओं पर ब्रेक

रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले में बालू की चोरी धड़ल्ले से हो रही है. अंकुश लगाने में प्रशासन पूरी तरह विफल सिद्ध हो रहा है. खनन शुरू होने की संभावनाओं पर एक बार फिर से ब्रेक लग गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार द्वारा सभी जिले में बालू खनन पर रोक लगा दी गयी है।
बताया जाता है कि राज्य के प्राय: सभी जिलों में बिहार राज्य खनन निगम द्वारा नियुक्त संवेदकों की संविदा अवधि 31 मई 2022 तक ही थी। कोर्ट द्वारा अवधि विस्तार को स्वीकृति देने से इंकार कर दिया गया है। मार्च 2022 में जारी आदेश के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने संवेदकों को अवधि विस्तार देने से इनकार करते हुए 01 जून से राज्य में नदियों से बालू खनन पर पूरी तरह से रोक लगा दी।
बता दें कि जुलाई से सितम्बर तक हर साल राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर नदियों से बालू के खनन पर पूरी तरह से रोक रहती है। ऐसे में सितम्बर तक जिले में सरकारी स्तर पर बालू खनन होने की संभावना नहीं के बराबर है। जानकारों की मानें तो यदि अक्टूबर में संविदा की सरकारी प्रक्रिया शुरू भी की जाती है तो बालू खनन शुरू होने में कई महीने लग सकते हैं।
24 घंटे पेट्रोलिंग के आदेश:-
राज्य सरकार ने बालू खनन पर रोक की अवधि के दौरान 24 घंटे पेट्रोलिंग के निर्देश दिये हैं। खनन विभाग के अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हरा ने इस आशय से संबंधित डीएम और एसपी को भेजे गये पत्र में कहा है कि बालू के अवैध खनन, परिवहन व भंडारण पर पूर्ण रूपेण रोक लगाने का दायित्व मुख्य रूप से डीएम व एसपी का है। इसके लिए ठोस रणनीति बनाकर कार्रवाई करने और बालू घाटों की सतत निगरानी करने तथा अवैध खनन में संलिप्त लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं।
01 जनवरी से बंद है जिले में बालू खनन:-
जिले के सभी 59 बालू घाटों पर 01 जनवरी 2022 से बालू का सरकारी स्तर पर खनन पूरी तरह से बंद है। 31 दिसम्बर 2021 तक जिले में बालू खनन की संविदा नवादा के जय माता दी इंटरप्राइजेज के नाम थी। संविदा समाप्त होने से पूर्व सुप्रीम कोर्ट के शॉर्ट टर्म टेंडर के आदेश पर सरकार द्वारा 19 दिसम्बर 2021 को नई निविदा करायी गयी। 01 जनवरी से 31 मार्च 2022 तक के लिए करायी गयी निविदा 45.86 करोड़ की उच्चतम बोली लगाने वाली एकलव्य स्टोन कंसट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी को दिया गया। परंतु मामला पर्यावरणीय स्वीकृति (ईसी) के पेंच में फंसा पड़ा रहा और संविदा समाप्त हो गयी और कम्पनी को अविध विस्तार नहीं मिल पाने के कारण जिले में बालू खनन सरकारी स्तर पर शुरू नहीं हो सका।
जिले भर में बालू की मची है लूट:-
जिले भर में बालू की खुली लूट मची है। जिले के सभी बालू घाटों पर अवैध बालू खनन माफियाओं का कब्जा है।
यही कारण है कि खुलेआम बालू की चोरी जिले भर में हो रही है। वारिसलीगंज, हिसुआ, नरहट, कौआकोल व अकबरपुर सरीखे कई इलाके हैं,जहां बालू माफिया पूरी तरह से हावी हैं और बालू की खुलेआम चोरी हो रही है।
खनन विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में छापेमारी कर बड़ी संख्या में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। परंतु बालू चोरी पर लगाम नहीं लगायी जा सकी है।
खनन विभाग के पास कार्यबल का अभाव भी व्यापक छापेमारी अभियान और कार्रवाई में बाधक बतायी जा रही है। सीओ को भी अंचल स्तर पर कार्रवाई के निर्देश हैं,परंतु कहीं-कहीं ही उनके द्वारा कार्रवाई की जा रही है। पुलिस द्वारा अकेले छापेमारी नहीं करने के आदेश के कारण भी व्यापक व सटिक कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
बड़े हॉट प्वाइंट जहां हर दिन लाखों की उगाही:-
जिले में कई ऐसे बड़े हॉट प्वाइंट हैं, जहां हर रोज सैंकड़ों ट्रक व ट्रैक्टरों से बालू का बेधड़क उठाव हो रहा है और लाखों की काली कमाई की जा रही है। इनमें वारिसलीगंज के सकरी नदी का दरियापुर, सुल्तानपुर, मिल्की, हाजीपुर व मरलाही नदी का मसनखामां, कौआकोल के नाटी नदी का मलाही, भोरमबाग, खड़सारी, मननियांतरी व सरौनी, नगर थाने के खुरी नदी का लोहानी बिगहा, कादिरगंज के सकरी नदी का पौरा, सिरदला के धनार्जय नदी का खजपुरा, नरहट का तिलैया, अकबरपुर का लखपतबिगहा, साहेबगंज, मदैनी, गोविन्दपुर के सकरी नदी का बकसोती लखपत बिगहा, खनवां का धनार्जय नदी घाट व तिलैया नदी घाट, नारदीगंज का कॉलेज घाट व मोतनाजे बालू घाट, हिसुआ का हदसा बालू घाट आदि शामिल हैं।
हो रहे हैं हमले:- बालू छापामारी के क्रम में लगातार अधिकारियों पर हमले कर बालू माफिया मनोबल तोड़ने का काम कर रहे हैं. यहां तक की वारिसलीगंज में सदर एसडीएम पर हमला किया गया.