
रवीन्द्र नाथ भैया |
स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी योजना कही जाने वाली प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना आने के बाद गरीबों को मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई गई है लेकिन नवादा में योजना का हाल बेहाल है। आयुष्मान कार्ड बनाने में तो तेजी दिखी लेकिन मरीजों को भर्ती कर इलाज करने में जिला काफी पिछड़ गया है। आयुष्मान योजना के जरिए मरीजों के इलाज के मामले में नवादा बिहार में 23 वें स्थान पर है।
यानि जिले में आयुष्मान इलाज की स्थिति इतनी कमजोर है कि बिहार राज्य की रैंकिंग सीट में नवादा जिला का एक भी आयुष्मान अस्पताल एक्टिव कैटेगरी नहीं है।
जारी रैंकिंग के अनुसार जिले में मरीजों की भर्ती कराने का रेसियों 0.12 है यानि न के बराबर है। आयुष्मान भारत योजना के तहत एक्टिव पब्लिक हॉस्पिटल 0.00 है। जिला स्वास्थ्य महकमे के लिए शर्मनाक स्थिति है।
जिले के सबसे बड़े हेल्थ सेंटर सदर अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना से इस साल सिर्फ तीन कार्ड धारियों को सुविधा मिली है।
जिले के तमाम पीएचसी सीएचसी , अनुमंडलीय अस्पताल में पिछले दो सालों से योजना की स्थिति मृतप्राय है। इस पर कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए सिविल सर्जन ने संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों को फटकार लगाई है तथा वेतन बंद करने की चेतावनी दी है।
जागरूकता की कमी से परेशानी:-
इसकी सबसे बड़ी वजह जागरूकता में कमी , जिले में आयुष्मान अस्पतालों की कमी और आयुष्मान से निबंधित अस्पतालों का उदासीन रवैया है। योजना की जिला समन्वयक नीतू कुमारी बताती है कि लगातार फॉलो अप किया जा रहा है।
जिले के सरकारी अस्पतालों और उनसे संबंधित उत्प्रेरक, आशा कार्यकर्ताओं आदि को निर्देशित किया जा रहा है कि वे मरीजों को गोल्डन कार्ड के साथ लाएं ताकि आयुष्मान योजना के तहत उनका इलाज हो सके। बड़ी से बड़ी सर्जरी भी आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त हो जाएगी।
आयुष्मान पोर्टल के अनुसार जिले में 18 अस्पताल आयुष्मान योजना से निबंधित है । इनमें से 3 प्राइवेट और शेष 15 सरकारी अस्पताल शामिल है। 4 सालों में इन अस्पतालों में कुल मिलाकर 1000 मरीजों का इलाज नहीं हो पाया है।
जिले में कुल 1 लाख 83 हजार 667 कार्ड धारी हैं लेकिन इनमें से 3 हजार 891 लोग ही आयुष्मान भारत योजना के तहत अस्पताल में भर्ती हुए हैं। इनमें भी करीब 1000 लोग ही जिले के अस्पतालों में भर्ती हुए जबकि शेष लोग देश भर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हुए हैं।
11 लाख 35 हजार 11 लोगों का गोल्डन कार्ड बनाने का है लक्ष्य;-
बता दें कि जब योजना शुरू हुई थी तब जिले में2011 की जनगणना के बाद बने राशन कार्ड के आधार पर गरीब परिवारों को यह लाभ दिया जा रहा है।
राशन कार्ड से जुड़े नवादा जिले के 1 लाख 72 हजार 276 परिवारों को चिन्हित किया गया था। इसके आधार पर ही गोल्डन कार्ड बनाए गए थे। इसके अलावा बड़े पैमाने पर बनाए गए श्रम कार्ड धारियों के लिए भी गोल्डन कार्ड बनवाने की व्यवस्था की गई। इस तरह इसकी संख्या बढ़कर 11 लाख के पार जा चुकी है। जिला समन्वयक नीतू ने बताया कि जिले में 11 लाख 35 हजार 11 लोगों का गोल्डन कार्ड बनाया जाना है। 1 लाख 83 हजार 667 परिवारों का कार्ड बनाया जा चुका है।
18 अस्पतालों का चयन किया गया:-
आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले में कुल 18 अस्पतालों का चयन किया गया है। इनमें 15 सरकारी अस्पताल है।
जिले के सदर अस्पताल के अलावा सभी प्रखंडों के प्रखंड स्तरीय पीएचसी/सीएचसी अस्पतालों में मरीजों की इलाज की व्यवस्था है। इसके अलावा विभाग की ओर से नवादा शहर में 3 निजी अस्पतालों मेट्रो हॉस्पिटल, विवेक नर्सिंग होम तथा डॉ विमल हॉस्पिटल में आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज की व्यवस्था की गई है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत जरूरतमंद परिवार को इलाज मुहैया कराने की कोशिश जारी है। इस योजना में जिले का प्रदर्शन खराब है । इसको लेकर हम सब चिंतित हैं। संबंधित कर्मियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं। सदर अस्पताल सहित सभी पीएचसी को भी आयुष्मान योजना के तहत इलाज के लिए निर्देशित किया गया है। अभी तीन ही निजी क्लीनिक निबंधित है। जल्द ही और अस्पताल जोड़े जाएंगे।