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हर गरीब को मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराना न्यायालय का पहला कर्तव्य:- जिला सत्र न्यायाधीश – नवादा |

रवीन्द्र नाथ भैया |

अपर जिला एवं सत्रन्यायाधीश-सह-सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार नेे कहा कि प्रत्येक समस्या का समाधान होगा एवं समान न्याय मिलेगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकार का मुख्य उद्देश्य सामाजिक न्याय की प्राप्ति हेतु एवं समान अवसर के मूल अधिकार के अन्तर्गत समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त तथा प्रभावी विधिक सेवा उपलब्ध कराना तथा उन्हें विधिक सेवा केन्द्रों, प्रबंध कार्यालय तथा विभिन्न प्रकार की विधिक सहायता के बारे में जागरूक कर यह सुनिश्चित करना कि समाज का कोई भी व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक तथा अन्य कारणों से न्याय से वंचित न रहे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार निम्नलिखित व्यक्तियों को मुफ्त कानूनी सहायता एवं सेवाएं उपलब्ध कराती है:-
ऐसा प्रत्येक व्यक्ति मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने का हकदार होगा जो बिहार का मूल निवासी हो तथा किसी दीवानी, फौजदारी, राजस्व या अन्य न्यायालय में लंबित मामले का पक्षकार हो या किसी न्यायालय में वाद दायर करना चाहता हो यदि वह व्यक्ति:-
(क) एक अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति के सदस्य,
(ख) मनुष्यों का अवैध व्यापार किये जाने में आहत व्यक्ति या भिक्षुक,
(ग) स्त्रियों अथवा बच्चे,
(घ) अन्धापन, कुष्ठरोग, एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले जाने वाले खानाबदोष, बहरापन, दिमागी कमजोरी की निर्योग्यता से ग्रस्त व्यक्ति,
(ड़) सामूहिक आपदा, जातीय हिंसा, वर्ग विशेष पर अत्याचार, बाढ़, अकाल, भूकम्प अथवा औद्योगिक आपदा से ग्रस्त व्यक्ति,
(च) एक औद्योगिक कामगार,
(छ) किशोर अपराधी अर्थात् 18 वर्ष तक आयु के व्यक्ति को सम्मिलित करते हुए परिक्षणाधीन व्यक्ति जो हिरासत में, सुरक्षा गृह अथवा मानसिक अस्पताल अथवा नर्सिंग होम में मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति,
(ज) एक ऐसा व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय रु0 1,50,000.00 (एक करोड़ पचास लाख) से कम है,
(झ) एक वरिष्ठ नागरिक,
(´) तेजाब हमलों के पीड़ित है।
मध्यस्थता:-मध्यस्थता विवादों को निपटाने की सरल एवं निष्पक्ष आधुनिक प्रक्रिया है। इसके द्वारा मध्यस्थ दवाबरहित वातावरण में विभिन्न पक्षों के विवादों का निपटारा करते हैं। इस पद्वति के द्वारा विवादों का जल्द से जल्द निपटारा होता हो जो कि खर्चरहित है।
रिमाण्ड अधिवक्ता:- नालसा के निर्देशानुसार सभी न्यायालयों में प्रथम गिरफ्तारी के समय अभियुक्त के प्रतिनिधित्व एवं विधिक सहायता हेतु रिमाण्ड अधिवक्ताओं को प्रतिनियुक्त किया गया है।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की निम्नलिखित योजनाएं हैं:-
01. आपदा पीड़ितों को विधिक सेवा प्राधिकारों के माध्यम से विधिक सेवाओं की योजना।
02. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (तस्करी और यौन शोषण के पीड़ित) योजना, 2015
03.राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (असंगठित क्षेत्र के कामगारों को विधिक सेवाएं योजना, 2015
04. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (बच्चों के लिए बाल सुलभ विधिक सेवाएं एवं उनका संरक्षण) योजना, 2015
05. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (मानसिक रूप से अस्वस्थ एवं निःषक्त व्यक्ति) योजना, 2015
06. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (गरीबी उन्मूलन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन की योजनाएं) योजना, 2015
07. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (जनजातीय अधिकारों का संरक्षण एवं प्रवर्तन) योजना, 2015
08. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नशापीड़ितों के लिए विधिक सेवा एवं नशे के कलंक का निवारण) योजना, 2015
09. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (वरिष्ठ नागरिकों के लिए विधिक सेवा) योजना, 2016
10. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (तेजाब हमलों के पीड़ितों के लिए विधिक सेवाएॅं) योजना, 2016
बिहार पीड़ित प्रतिकर स्कीम:-बिहार पीड़ित प्रतिकर स्कीम के अन्तर्गत ऐसे पीड़ितों या उनके आश्रितों जिन्हें अपराध के कारण नुकसान या चोट लगी है या जिन्हें पुनर्वास की आवश्यकता है, को प्रतिकर देने के प्रयोजनार्थ उपरोक्त स्कीम बना है। पीड़ितों के द्वारा पयाप्र्त सबुत उपलब्ध कराने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा आवश्यक कदम उठाया जाएगा।
किसी भी प्रकार के विधिक सेवा एवं सहायता जिला विधिक सेवा प्राधिकार नवादा जो व्यवहार न्यायालय, परिसर में स्थित है, में आवेदन देकर प्राप्त की जा सकती है। संपर्क नं0 (लीगल हेल्पलाईन नं0):- 06324 213889

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