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रासलीला के माध्यम से खुल रही दर्शकों की ज्ञान चक्षु – नवादा |

रवीन्द्र नाथ भैया |

घूमते हुए कमलासन पर नटनागर का भावपूर्ण नृत्य , मीरा की कृष्ण भक्ति का दिव्य रूप , राणा विक्रम के अत्याचार और मीरा का विषपान जैसे प्रसंग का जीवन्त मंचन देखकर नवादा वासियों की भगवतभक्ति सर चढ़ कर बोलने लगी है । गोवर्धन मंदिर प्रांगण में जारी नौ दिवसीय हरिहर महायज्ञ के निमित्त हरीशचंद्र स्टेडियम में चल रहे रासलीला के पांचवे दिन आज शास्त्रों के कई उलझे हुए प्रश्नों की गांठ वृन्दावन के कलाकारों ने खोली । ब्यासपीठ पर विराजमान आचार्य भवेश भारती भारद्वाज के मधुर कण्ठ से प्रवाहित भजनों के मुख्य भाव का साक्षात् दर्शन हजारों श्रद्धालुओं ने रासलीला रंग मंच पर किया ।
खासकर पवन सूत हनुमान के तीन-तीन पिता का रहस्य , राजा दशरथ के तीन रानियों से चार पुत्र जन्म लेने का रहस्य और भगवान शिव को आक-धथुरा प्रिय होने के रहस्य से पर्दा उठाते हुए कलाकारों ने रासलीला को शिखर पर खड़ा कर दिया ।
इसके पहले राधा कृष्ण की झांकी , समूह नृत्य और आरती वन्दना के सुमधुर संगीत से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया ।
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भक्त परिस्थितियों का गुलाम नहीं होता और जो गुलाम नहीं होता वही भक्त है : आचार्य राधेश्याम शास्त्री जी महाराज
श्री हरिहर महायज्ञ के पांचवे दिन श्री मद् भागवत कथा को रहस्यमयी और रोचक बनाते हुए कथावाचक आचार्य राधेश्याम शास्त्री ने कहा कि प्रह्वादश्चास्मि दैत्यानाम् / विभूति योग का वर्णन करते हुए श्रीकृष्ण श्रीमद् भगवद् गीता में कहते हैं कि मैं दैत्यों में प्रह्लाद हूं । प्रह्लाद जन्मे तो दैत्यों के घर में लेकिन घर में जन्मने से कुछ भी नहीं होता। घर बंधन नहीं है।
प्रह्लाद दैत्य वंश‌ में जन्मते हैं और परम भक्ति को उपलब्ध हो जाते हैं। जो पवित्र घरों में जो जन्मे हैं, वे भी इतनी बड़ी भक्ति को उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। बेन, कंस, शिशुपाल, दुर्योधन, ये सब तो पवित्र वंश मे ही जन्मे थे।
कहते हैं कि परिस्थिति कितनी ही बदलो आदमी नहीं बदलेगा लेकिन आदमी को बदलो तो परिस्थिति बदल जाती है । परिस्थिति जड़ है , मनुष्य चैतन्य है और मनुष्य ही मालिक है । इन संदर्भो को आचार्य ने कई आख्यान उपाख्यान और कथा प्रसंगों के माध्यम से समझाया । संगीतमय वातावरण में कथावाचक के कण्ठ से जहां संगीत प्रवाहित हो रही थी वहीं काव्य के विभिन्न रसों से श्रोता मंत्रमुग्ध हो रहे थे । बीच-बीच में हास्य रस , वात्सल्य रस और श्रृंगार रस से पूरा कथा पांडाल गूंज रहा था । उन्होंने गोवर्धन मंदिर को पूर्व मंत्री राजबल्लभ प्रसाद के आध्यात्मिक चिंतन का सबसे बड़ा उपहार बताया ।
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नगर के गोवर्धन मंदिर में चल रहे नौ दिवसीय श्री हरिहर महायज्ञ के पांचवे दिन यज्ञमंडप में दैनिक अनुष्ठान के अलावे हरिहर मंडल का विशेष आह्वान कर मन्त्रों का विधिवत जाप किया गया । सभी ग्यारह जोड़ी यजमानों ने मन्त्रों का जाप करते हुए हवन कुण्ड में आहुतियां समर्पित की ।
मंदिर समिति के सचिव महेंद्र यादव ने बताया कि मंदिरों पर गुंबज स्थापित करने और देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित करने की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है । आचार्यो के निर्देशानुसार शुभ मुहूर्त में सिद्धस्त कारीगरों के माध्यम से गुंबज और मूर्ति स्थापित की जायगी ।
विधायक विभा देवी , प्रकाशवीर और राजद के प्रदेश महासचिव बिनोद यादव ने यज्ञस्थल के अलावे कथा स्थल और रासलीला स्थल का मुआइना किया तथा श्रद्धालुओं की सुविधाओं का जायजा लिया ।

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