
रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले में पिछले 6 महीने से चल रही बालू की किल्लत अभी जारी रहेगी। कम से कम 3 महीने तो बालू घाटों से उठाव नहीं होगा। फिलहाल पर्यावरणीय मंजूरी नहीं मिलने के चलते जिले भर के सभी बालू घाट बंद है लेकिन अगर अब पर्यावरणीय स्वीकृति मिल भी जाती है तब भी 3 महीने तक बालू उठाव नहीं हो पाएगा।
मानसून के शुरुआत के चलते आगामी 1 जुलाई से नदियों से बालू खनन पर प्रशासनिक तौर पर 3 महीने के लिए पाबंदी लग जाएगी। यह अगले 30 सितंबर तक जारी रहेगा। हर साल जब बालू घाट चालू होती थी तो इन 3 महीनों के लिए बालू डंप करके रखा जाता था लेकिन इस बार लंबे समय से बालू खनन बंद है तो ऐसे में एक छटाक बालू का स्टॉक मौजूद नहीं है।
अगल-बगल के जिले में थोड़ा-बहुत बालू स्टॉक हुआ है और वहां से बालू मिल सकता है। वहां से बालू तो मिलेगा लेकिन काफी महंगा मिलेगा। एक ट्रैक्टर के लिए 5000- 6000 से अधिक रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं। आधिकारिक तौर पर भले ही घाट बंद हो लेकिन जिले में बड़े पैमाने पर अवैध खनन चालू है।
कैसे बनेगा प्रधानमंत्री आवास:-
जिले में करीब 77000 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए हैं। हजारों लाभुकों को आवास बनाने के लिए पहली किस्त भेज जा चुकी है और इन्हें तय समय में बनना है।
सवाल उठता है कि जब बालू घाट चालू नहीं है तो इन आवासों का निर्माण कैसे होगा ? प्रधानमंत्री आवास के लाभुक इतने संपन्न नहीं कि वे दूसरे जिले से 6 से 7 हजार रुपए प्रति ट्रैक्टर बालू खरीद सकें।
1000 करोड़ से अधिक का निर्माण कारोबार:-
बालू खनन भले ही 6 महीने से बंद है लेकिन जिले में निर्माण कार्य पहले की तरह ही चल रहे हैं। बंद पड़े बालू घाट को चालू कराने का कोई गंभीर प्रयास नहीं हो रहा लिहाजा बड़ा बालू संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में निर्माण कार्य को चालू रखने के लिए लोग जैसे तैसे बालू जुटा रहे हैं।
कुल मिलाकर बालू खनन बंद होने के बाद भी निर्माण सेक्टर में करीब 1000 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ है।
बालू खनन के लिए नई बंदोबस्ती की गई:-
बालू खनन के लिए नई बंदोबस्ती हो गई है लेकिन पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं मिलने के चलते अब तक खनन शुरू नहीं हुआ है।
अब मानसून के चलते जुलाई माह से 3 महीने तक बालू खनन की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसे में बालू खनन कब शुरू होगा इसका कोई अता-पता नहीं है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि नवादा में बालू खनन के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति (ईसी) का मॉडल बाकी जिलों से अलग है।
पहले रात में होता था खनन, अब दिनदहाड़े हो रहा खनन:-
आधिकारिक तौर पर सभी घाट बंद है लेकिन वास्तविकता में सारे घाट से बालू की चोरी हो रही है। कहीं रात के घुप अंधेरे में तो कहीं दिन के उजाले में बड़े-बड़े मशीनों से बालू का अवैध खनन हो रहा है। विभिन्न घाटों पर नदी में बने ताजे गड्ढे चीख चीख कर अवैध खनन का सबूत दे रहे हैं।
इस क्रम में कई बार बालू खनन रोकने के चलते खनन विभाग और पुलिस पर हमला हो चुका है।