
रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले की एनएच हो या एसएच किसी भी सड़क मार्ग पर वाहनों की निर्धारित गति मानक का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। इसके पीछे विभाग और वाहन चालक दोनों के स्तर से लापरवाही बरती जा रही है। जिसे जितनी मर्जी उतनी स्लेटर दबाकर तेज गति से वाहन को दौड़ा रहे हैं। नतीजा आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं।
जनवरी से अक्टूबर तक के सड़क हादसों के आंकड़ों को ही देखें तो जिले में कुल 165 सड़क दुर्घटनाएं तेज रफ्तार की वजह से हुई हैं। इन हादसों में कुल 127 लोगों की मौत हो गई। इनमें पुरुष 106 व महिलाएं 21 हैं। वहीं इन सड़क हादसों में घायलों की संख्या 111 है। जिसमें 102 पुरुष है
रजौली एनएच-20 निर्माणाधीन, फिर भी हो रही दुर्घटनाएं:-
जिले में मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग-20 बख्तियारपुर-रजौली है। यह अभी निर्माणाधीन है। मार्च 2023 तक इसे पूरा होना है। वहीं नारदीगंज-हिसुआ हाेते हुए गया एनएच-83 पर भी निर्माण कार्य जारी है। इन दोनों ही सड़कों पर अभी स्पीड को लेकर कोई स्पष्ट मानक नहीं है। वैसे जो स्थिति जिले की है 40 से ज्यादा स्पीड नहीं रहनी चाहिए।
गति मानक को लेकर साइनेज नहीं:-
हिसुआ -गया रोड में कई जरूरी जगहों पर गति मानक को लेकर साइनेज भी नहीं हैं। दोनों ही एनएच के निर्माण प्रक्रिया में रहने के बाद भी दुर्घटनाएं होती रहती हैं। पिछले माह अमेरिका बिगहा में हुए सड़क हादसे में दो लोगों की जान गई थी।
स्पीड गन से कंट्रोल हो सकती वाहनों की रफ्तार:-
एनएच पर वाहनों की रफ्तार को नियंत्रित करने के लिए स्पीड गन रहना है। लेकिन उनका उपयोग फिलहाल जिले में हो रहा है या नहीं इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।
जानकार बताते हैं कि इसके जरिए एनएच पर वाहनों की गति पर नजर रखी जाती है। यदि कोई वाहन चालक स्पीड की लिमिट को पार करता है तो जुर्माना लगाने का प्रविधान है। स्पीड गन ऑटामेटेड सड़क पर दौड़ती वाहनों की गति को मापता है। आफलाइन व आनलाइन दोनों मोड में चलान कटता है।
दूसरी ओर, परिवहन विभाग की ओर से स्पीड लिमिट डिवाइस सभी कामर्शियल वाहनों में लगाए जाने हैं।
डीटीओ बताते हैं कि इसके लिए एक एजेंसी नामित है। जिले में उक्त डिवाइस लगाई जाती है।
जिले में सड़क हादसों के माहवार आंकड़े:-
माह-सड़क दुर्घटना-मौत:-
जनवरी- 14-11
फरवरी- 10-8
मार्च-08-09
अप्रैल- 11- 07
मई- 25-18
जून-15- 10
जुलाई-22-16
अगस्त-22-17
सितंबर-15-09
अक्टूबर- 23-22