ककोलत जलप्रपात प्रवेश पर प्रतिबंध से पर्यटक परेशान, दुकानदार हल्का – नवादा |

रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले का कश्मीर ऐतिहासिक शीतल जलप्रपात ककोलत प्रवेश पर वन विभाग द्वारा रोक लगाये जाने से पर्यटक परेशान हैं तो दुकानदार हल्कान. ऐसे में पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना प्रभावित हो रही है.
बताया जाता है कि ककोलत में बाढ़ आने के बाद वन विभाग ने ककोलत जलप्रपात प्रवेश पर रोक लगा दिया था. इसके लिए बजाप्ता दो किलोमीटर पहले बैरियर लगा वहां वनकर्मी की ड्यूटी लगा दी गई थी. बरसात का मौसम समाप्त होने के साथ ही ठंड का मौसम आने के बाद वहां से वनकर्मी की ड्यूटी तो समाप्त हो गयी लेकिन बैरियर का ताला नहीं खोला जा रहा है. ऐसे में वाहनों से आने वाले पर्यटकों को वापस लौटना पड़ रहा है.
फिलहाल विद्यालय के बच्चों को स्कूल प्रबंधन द्वारा विभिन्न स्थलों का परिभ्रमण कराया जा रहा है. इस क्रम में स्कूली वाहनों से आने वाले छात्राओं को तब निराशा हाथ लगती है जब समयाभाव के कारण उन्हें बैरियर के पास से ही बगैर जलप्रपात अवलोकन के वापस लौटना पड़ रहा है.
इसके साथ ही ठंड के मौसम में राजगिर व बोधगया आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक ककोलत जलप्रपात भ्रमण के लिए आना आरंभ कर दिया है. लेकिन बैरियर के कारण इनमें से अधिकांश को वाहन के वहां नहीं पहुंचने के कारण वापस लौटना पड़ रहा है.
ऐसे में पर्यटन को बढ़ावा देने के बजाय ककोलत को अधिकारियों द्वारा जानबूझकर उपेक्षित किया जा रहा है.
अपनायी जा रही दोहरी नीति:- प्रशासन द्वारा इस मामले में दोहरी नीति अपनायी जा रही है. जब सरकारी अधिकारियों को आना होता है बैरियर खोल दिया जाता है. उनके जाते ही बैरियर में ताला लगा दिया जाता है. वीडियो में इसे स्पष्ट रूप से देखा जाता सकता है.
दुकानदारों ने बैरियर खोलने की मांग:- ककोलत जलप्रपात के पास दुकान खोल परिवार का पेट भरने वाले दुकानदारों ने इस बात डीएम को आवेदन देकर प्रतिबंध को समाप्त कर बैरियर हटाने का अनुरोध किया था. आवेदन के कई दिनों बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं किये जाने से दुकानदारों के समक्ष आर्थिक परेशानी उत्पन्न होने लगी है. इसके साथ ही ककोलत आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक परेशान हैं सो अलग.