BiharLife StyleState

तुलसी विवाह कराने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है : डा.नम्रता आनंद – पटना ।

रवि रंजन ।
पटना, हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन तुलसी और भगवान विष्णु के शालीग्राम रूप का विवाह कराया जाता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी-शालीग्राम विवाह संपन्न किया जाता है।ऐसा माना जाता है कि तुलसी-शालीग्राम विवाह का आयोजन कराने वाले व्यक्ति को कन्या दान के समान पुण्य मिलता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं जिसके बाद से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है। वहीं भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागने के बाद तुलसी विवाह संपन्न कराया जाता है।कहते हैं कि जो इस दिन श्रीहरि की पूजा करता है उसका भाग्य भी जाग जाता है और जीवन में खुशहाली आती है। इस दिन भगवान विष्णु के विग्रह स्वरूप शालीग्राम जी और माता तुलसी का विवाह भी कराया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता और भगवान शालिग्राम की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इससे भक्तों के वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही पति-पत्नी में किसी भी तरह की कोई समास्या नहीं रहती हैं. आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीनों के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं. इसके बाद उनका विवाह तुलसी से कराया जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button